सोलन में बारिश और ओलावृष्टि से सेब‑टमाटर की फसलों को भारी नुकसान, किसानों ने मुआवजे की मांग की

सोलन। हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। वहीं, सोलन जिले में लगातार मूसलाधार बारिश ने किसानों को मुश्किल में डाल दिया है। सोलन कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) के सचिव अरुण शर्मा ने मंगलवार को बताया कि बारिश की वजह से फसलों को बहुत नुकसान हुआ है।
सोलन कृषि उपज मंडी समिति के सचिव अरुण शर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "पिछले 7 से 10 दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण मंडी की स्थिति बदतर हो गई है। बारिश के चलते किसान न तो अपने खेतों तक पहुंच पा रहे हैं और न ही बगीचों तक। इससे सेब और टमाटर जैसी प्रमुख नकदी फसलों की आवक मंडी में लगभग ठप हो गई है। जो उत्पाद मंडी तक पहुंच भी रहे हैं, उन्हें व्यापारी बहुत कम दामों पर खरीद रहे हैं।" उन्होंने उम्मीद जताई कि बारिश थमने पर हालात सुधर सकते हैं, लेकिन फिलहाल किसान निराश हैं। शर्मा ने बताया, "पहले सोलन मंडी में करीब 20 लाख सेब की पेटियां बिक चुकी थीं, लेकिन खराब मौसम ने आपूर्ति को बुरी तरह प्रभावित किया है। टमाटर की फसलें खेतों में पड़ी सड़ रही हैं, क्योंकि बारिश के कारण इसको तोड़ना और इसका परिवहन संभव नहीं हो पा रहा।
चंडीगढ़ जैसे प्रमुख मार्गों के बंद होने से खरीदारों की संख्या भी घट गई है, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल रहा।" शर्मा ने बताया कि मंडी में पहुंचने वाले सीमित माल का किसानों को उपलब्ध दामों के आधार पर भुगतान किया जा रहा है। इस मामले में किसानों का कहना है कि बारिश ने उनकी आजीविका पर गहरा असर डाला है। सेब और टमाटर, जो सोलन की प्रमुख फसलें हैं, इस बार भारी नुकसान झेल रहे हैं। सरकार से मांग की जा रही है कि नुकसान का आकलन कर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।