हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील घोटाले का पर्दाफाश: डेटा अपडेट बंद, झूठी राशन कमी रिपोर्टों से विभाग में हड़कंप
Haryana News: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कई स्कूल न तो डेटा अपडेट कर रहे हैं और न ही वास्तविक बच्चों की संख्या भेज रहे हैं। इसके बजाय स्कूल झूठी राशन कमी की रिपोर्ट भेजकर योजना की पारदर्शिता पर गहरा सवाल खड़ा कर रहे हैं।
निदेशालय सख्त-डेटा अपडेट न होने पर कार्रवाई की चेतावनी
निदेशालय को रिपोर्टों में मिली गंभीर अनियमितताएँ
निदेशालय के अनुसार कई स्कूल विद्यार्थियों की संख्या से अधिक राशन की मांग कर रहे हैं, जबकि बाद में वही स्कूल राशन की कमी की रिपोर्ट भेज रहे हैं। यह विरोधाभासी डेटा दर्शाता है कि योजना में व्यक्तिगत लाभ के लिए हेरफेर किया जा रहा है।
20 बार पत्राचार के बाद भी स्कूलों ने नहीं सुधारी व्यवस्था
महानिदेशक की ओर से जिला शिक्षा अधिकारियों को डेटा अपडेट करने के लिए लगभग 20 बार पत्र भेजे जा चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है। स्कूल मुखियाओं और जिला स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों ने निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया।
PM पोषण योजना का मासिक डेटा भी नहीं भरा
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (PM पोषण) योजना के तहत हर महीने 10 तारीख तक मिड-डे-मील पोर्टल पर डेटा अपडेट करना अनिवार्य है। 10 तारीख के बाद पोर्टल बंद हो जाता है, लेकिन राज्य के कई स्कूलों ने अक्टूबर माह का डेटा भी अपडेट नहीं किया।
रिपोर्टिंग में लापरवाही ने खोली जिलों की असल तस्वीर
फतेहाबाद, हिसार, नूंह और सोनीपत जिलों में डेटा रिपोर्टिंग की स्थिति सबसे खराब पाई गई है। रिपोर्टिंग में गंभीर लापरवाही के कारण केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले राज्य के आंकड़े असत्यापित हो रहे हैं, जिससे योजना की विश्वसनीयता पर भी गहरा असर पड़ा है।
