हरियाणा बनाओ अभियान समिति ने विधानसभा अध्यक्ष से की नई राजधानी और हाईकोर्ट की मांग

Haryana News: हरियाणा बनाओ अभियान समिति ने विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मुलाकात कर राज्य के लिए अलग राजधानी और हाई कोर्ट की स्थापना की मांग की। समिति का कहना है कि इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि आम लोगों की परेशानियां भी कम होंगी और लंबित मामलों का निपटारा तेज होगा।
चंडीगढ़ में हरियाणा को हो रहा भेदभाव
प्रतिनिधिमंडल की बैठक और तर्क
अलग राजधानी और हाई कोर्ट के समर्थन में समिति ने विधानसभा अध्यक्ष को तथ्य और आंकड़े भी प्रस्तुत किए। 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई पूर्व उप सचिव एमएस चोपड़ा और बार काउंसिल पंजाब एवं हरियाणा के पूर्व चेयरमैन रणधीर सिंह बधरान ने की। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता ललित बुटाना और राजेंद्र बल्ला भी शामिल थे।
नई राजधानी से रोजगार और विकास के अवसर
प्रतिनिधिमंडल का तर्क है कि हरियाणा के बीच में किसी नई राजधानी का विकास करने से न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि 300-350 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ तक आने-जाने में लोगों की परेशानियां भी कम होंगी। सर्वे के अनुसार लोगों की राय है कि नई राजधानी सभी जिलों से 100-125 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होनी चाहिए।
अदालतों में लंबित मामलों की समस्या
हरियाणा के 14 लाख 25 हजार से अधिक मामले जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित हैं, जबकि उच्च न्यायालय में साढ़े चार हजार से अधिक मामले अटके हुए हैं। दक्षिण हरियाणा के नागरिकों के लिए अदालती कार्य और सचिवालय से जुड़े कामों के लिए चंडीगढ़ तक पहुंचना कठिन हो रहा है।
अलग हाई कोर्ट और बार एसोसिएशन की जरूरत
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया कि वकील हरियाणा और पंजाब के लिए अलग बार एसोसिएशन की मांग कर रहे हैं। समिति का मानना है कि अलग राजधानी और हाईकोर्ट से प्रशासनिक कार्य आसान होंगे और आम जनता को न्याय एवं सरकारी सुविधाओं में सुविधा होगी।