हरियाणा में प्लॉट आवंटन पर बड़ा विवाद: ई-नीलामी जीतने के बावजूद नहीं मिला औद्योगिक भूखंड
Haryana news: हरियाणा में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एचएसआईआईडीसी को नोटिस जारी किया है, जिसमें आईएमटी रोहतक में एक प्लॉट के आवंटन में गंभीर अनियमितता का आरोप सामने आया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ई-नीलामी में उनकी बोली सर्वोच्च होने के बावजूद उन्हें प्लॉट का आवंटन नहीं किया गया।
मेगा फूड पार्क की नीलामी में सबसे ऊंची बोली लगाने वालों को भी नहीं मिला प्लॉट
जून 2025 से शुरू हुई प्रक्रिया
दोनों याचिकाकर्ताओं ने जून 2025 में बयाना राशि जमा कर नीलामी की प्रक्रिया में भाग लिया। 16 जुलाई 2025 को हुई ई-नीलामी में वे सफल बोलीकर्ता रहे। लेकिन जब उन्होंने अगली किस्त का भुगतान करने की कोशिश की तो एचएसआईआईडीसी का पोर्टल भुगतान लिंक खोलने में बार-बार विफल रहा।
तकनीकी खामी या प्रशासनिक लापरवाही? बोलीकर्ताओं को गहरा सदमा
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 26 अगस्त 2025 को उन्हें सूचना मिली कि उनकी बोली रद्द कर दी गई है। कारण बताया गया-प्लॉट पहले ही किसी और को आवंटित था। उनके अनुसार, यह जानकारी नीलामी से पहले कभी साझा नहीं की गई, जिससे वे ‘स्तब्ध और आहत’ रह गए।
ईएमपी-2015 और ई-नीलामी नियमों के गलत प्रयोग का आरोप
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि निगम ने बिना जरूरी जांच और स्पष्ट कारण बताए उनकी बोली रद्द की। उन्होंने कहा कि ‘निरंकुश’ तरीके से लिए गए फैसले ई-नीलामी की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करते हैं। भुगतान लिंक का न खुलना भी निगम की तकनीकी खामी है, जिसका खामियाजा बोलीकर्ताओं को नहीं भुगतना चाहिए।
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस अनूपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस दीपक मनचंदा की खंडपीठ ने एचएसआईआईडीसी को नोटिस जारी किया है। उन्होंने निगम से पूछा है कि ई-नीलामी के विजेताओं को प्लॉट क्यों नहीं दिया गया। वहीं याचिकाकर्ताओं ने अदालत से वैकल्पिक औद्योगिक प्लॉट आवंटित करने की भी मांग की है।
