जयपुर में नकली नोट गैंग का भंडाफोड़, एसओजी और दक्षिण पुलिस ने मिलकर बरामद किए 43 लाख के जाली नोट


ऑपरेशन की रणनीति: सूचना से गिरफ्तारी तक

43 लाख की जाली करेंसी के साथ सामान जब्त
पुलिस ने मौके से ₹23 लाख की तैयार नकली करेंसी और ₹18 लाख की प्रिंटेड नोट शीट बरामद की। साथ ही, नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण - पेपर कटर, कांच की प्लेट, लकड़ी का फ्रेम, स्केल और कतरनें – भी जब्त किए गए। यह जाली नोट इतना असली नजर आता था कि कोई भी व्यक्ति इसे पहचानने में धोखा खा सकता था। पुलिस के अनुसार, आरोपी लंबे समय से इस अवैध धंधे में सक्रिय थे और राजस्थान-पंजाब में नकली नोट फैलाने की कोशिश कर रहे थे।
पकड़े गए आरोपी: जयपुर और बीकानेर से जुड़े तार
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राजेंद्र चौधरी (27) निवासी हबसपुरा, शंकरलाल चौधरी (23) निवासी देवपुरा, मनोज उर्फ गणपति बिश्नोई (30), बलकरण उर्फ बलदेव बिश्नोई (31), और मदनलाल सिंवार (28) के रूप में हुई है। सभी आरोपी जयपुर और बीकानेर जिलों के रहने वाले हैं। शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे जाली नोटों को असली की तरह चलाकर आर्थिक लाभ कमाने की कोशिश कर रहे थे।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं आरोपी
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों का आपराधिक इतिहास पहले से रहा है। वे राजस्थान और पंजाब में जाली नोट के पुराने मामलों में भी गिरफ्तार हो चुके हैं। फिलहाल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 178, 179, 180, 181, 182, 111(2)(ख) और 111(4) के तहत मामला दर्ज किया है। आगे की जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस गिरोह के तार किन-किन रैकेट और राज्यों तक फैले हैं।