ठंड की आहट ला नीना से होगी तेज; जयपुर से लेकर चूरू तक गिरेगा पारा, नवंबर दिसंबर में शीतलहर का अलर्ट

Rajasthan Weather News: राजस्थान में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। मानसून के पूरी तरह विदा होते ही सुबह-शाम की हवा में ठंडक महसूस की जा रही है। मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी है कि इस बार ठंड सामान्य से अधिक पड़ेगी और इसका मुख्य कारण बनेगा प्रशांत महासागर में बन रहा ला-नीना।
सर्दी की शुरुआत अक्टूबर से

पारा लुढ़का, सीकर में न्यूनतम तापमान 15.5°C
राज्य के विभिन्न जिलों में सुबह-शाम ठंड का असर दिखने लगा है। सीकर में न्यूनतम तापमान 15.5 डिग्री तक पहुंच गया, जो इस समय प्रदेश में सबसे कम है। जयपुर, चूरू, झुंझुनूं और अलवर में भी तापमान 17 से 19 डिग्री के बीच दर्ज किया गया है। लोगों ने हल्के स्वेटर और जैकेट पहनना शुरू कर दिया है।
मौसम विज्ञान केंद्र की चेतावनी
मौसम विभाग का कहना है कि यह ठंड की सिर्फ शुरुआत है। जैसे-जैसे नवंबर नजदीक आएगा, न्यूनतम तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से उत्तर और पूर्वी राजस्थान के जिलों में शीतलहर का प्रभाव तेजी से बढ़ेगा।
दिवाली तक बारिश नहीं, बढ़ेगी ठंड
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने स्पष्ट किया है कि इस बार दिवाली तक बारिश की संभावना नहीं है। मानसून की विदाई के बाद हवा का रुख उत्तर-पूर्वी हो चुका है, जिससे नमी घटेगी और ठंड बढ़ेगी। यह शुष्क मौसम नवंबर के मध्य तक जारी रह सकता है।
क्या है 'ला-नीना' और कैसे प्रभावित करता है भारत को?
ला-नीना एक प्राकृतिक मौसमी घटना है, जिसमें प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी हिस्से का जल सामान्य से ठंडा हो जाता है। इस दौरान हवाएं तेज गति से चलती हैं और वातावरण में नमी का प्रवाह बढ़ जाता है। जहां एल-नीनो गर्मी और सूखा लाता है, वहीं ला-नीना ठंड और अधिक वर्षा की स्थिति पैदा करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल भारत में इसका असर स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा और राजस्थान समेत उत्तरी भारत में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।
राजस्थान पर ला-नीना का असर
जयपुर मौसम केंद्र ने चेताया है कि ला-नीना के कारण राजस्थान में सर्दी अपेक्षाकृत जल्दी और ज्यादा कड़ाके की पड़ेगी। खासकर उत्तरी जिलों सीकर, चूरू, बीकानेर, हनुमानगढ़ और गंगानगर में तापमान औसत से नीचे जा सकता है। अरावली और उदयपुर संभाग में मावठ (सर्दी की हल्की बारिश) की संभावना भी बनी रहेगी। अक्टूबर की बारिश से मिट्टी में रही नमी सर्द हवाओं को और ठंडा बनाएगी, जिससे ठिठुरन और बढ़ेगी।
बुजुर्गों और बच्चों के लिए चेतावनी
मौसम विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि ठंड बढ़ने के साथ ही बुजुर्गों और बच्चों को सुबह-शाम की ठंडी हवाओं से बचाव बेहद जरूरी है। सर्दी से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए हल्के लेकिन गर्म कपड़े पहनने, संतुलित आहार लेने और पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी गई है।
ठंड के लिए हो जाएं तैयार
मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि इस बार सर्दी न केवल जल्दी शुरू होगी बल्कि लंबी और ज्यादा ठिठुरन भरी रहेगी। दिसंबर से फरवरी तक राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में शीतलहर का असर महसूस किया जाएगा। दिवाली के बाद से ही मौसम के ठंडे तेवर लोगों को गर्म कपड़ों की याद दिला देंगे।