जब खुद भगवान पहुंचे जनसुनवाई में — ‘सिंहासन’ पर विराजे सियाराम, कलेक्टर भी रह गए अचंभित

Rajasthan News: राजस्थान के बांदीकुई तहसील के गादरवाड़ा गांव से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां मंदिर के पुजारी कई महीनों से जमीन विवाद में न्याय के लिए अफसरों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने एक अनोखा तरीका अपनाया। पुजारी और ग्रामीण भगवान सीतारामजी की मूर्ति को सिंहासन पर बैठाकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंच गए। इस दृश्य को देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह गया।
मंदिर की जमीन पर कब्जे का विवाद

पुजारी का प्रशासन पर गंभीर आरोप
मंदिर के पुजारी लल्लूराम शर्मा का कहना है कि उन्होंने सरपंच, तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर यहां तक कि मुख्यमंत्री तक को लिखित रूप में शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। पुजारी ने बताया कि मालियों की ढाणी में दो पटवारी कार्यरत हैं, जो स्वयं को एसडीएम बताकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इससे गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है और मंदिर से जुड़े परिवार खेती भी नहीं कर पा रहे हैं।
रेलवे मार्ग से विवाद और आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे के ठेकेदार की मिलीभगत से मालियों की ढाणी के लिए रेलवे लाइन के पास से नया रास्ता दिया गया है, जिससे विवाद और बढ़ गया है। अब ग्रामीणों ने प्रशासन से खसरा नंबर 34 के समीप रेलवे फाटक 164 और 165 के बीच वैकल्पिक मार्ग देने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन या आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने पर मजबूर होंगे।
कलेक्टर ने जांच के दिए आदेश
जनसुनवाई में पुजारियों ने भगवान सीतारामजी की मूर्ति के साथ पहुंचकर जब कलेक्टर देवेंद्र कुमार को पूरा मामला बताया, तो उन्होंने त्वरित जांच का आश्वासन दिया। कलेक्टर ने प्रशासनिक टीम को निर्देश दिए कि वे मंदिर माफी की भूमि पर कब्जे और बंद रास्ते के मामले की पूरी जांच करें और जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करें।