शामली में किसान नेता के मुर्गी फार्म में चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में लगी भीषण आग, मचा हड़कंप

शामली। जिले के कोतवाली क्षेत्र के गांव कुड़ाना में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक मुर्गी फार्म में अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते फैक्ट्री में रखे पटाखे एक के बाद एक कर जलने लगे और जोरदार धमाके होने लगे। फैक्ट्री में काम कर रहे पुरुष, महिलाएं और बच्चे मौके से भाग निकले।
घटना की सूचना मिलने पर दमकल विभाग और पुलिस मौके पर पहुंची। एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। मौके पर भारी मात्रा में जले हुए पटाखे, हजारों की संख्या में पैकिंग बॉक्स, पटाखा बनाने की सामग्री और खाली डिब्बे बरामद हुए हैं।
जानकारी के अनुसार, यह मुर्गी फार्म भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के मंडल अध्यक्ष दुष्यंत मलिक का है। ग्रामीणों की सूचना पर दुष्यंत मलिक स्वयं मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि करीब 15 दिन पहले उन्होंने अपने मुर्गी फार्म की जमीन बागपत जिले के गांव लुहारी निवासी भूरा और काला पुत्र अब्बास को 25,000 रुपये मासिक किराए पर दी थी। उन्हें बताया गया था कि वे यहां केवल बॉक्स की पैकिंग का काम करेंगे। उन्होंने एडवांस में 15,000 रुपये भी जमा कराए थे। दुष्यंत मलिक का दावा है कि उन्हें पटाखा निर्माण की जानकारी नहीं थी।
हालांकि, पुलिस का मानना है कि मुर्गी फार्म में अवैध पटाखा फैक्ट्री किसान नेता के संरक्षण में ही संचालित की जा रही थी, और सबसे हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी अवैध गतिविधि पुलिस की जानकारी के बिना चल रही थी।
कोतवाली प्रभारी वीरेंद्र कसाना ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और दुष्यंत मलिक, भूरा और काला पुत्र अब्बास के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फिलहाल पुलिस ने मुर्गी फार्म को सील कर दिया है और सभी बरामद सामग्री को कब्जे में ले लिया गया है।
यह घटना कई सवाल खड़े करती है — क्या स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से यह अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी? और क्या इस फैक्ट्री में बालश्रम भी हो रहा था? पुलिस अब सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है।