ओलंपिक पदक विजेता अमन सहरावत पर डब्ल्यूएफआई की बड़ी कार्रवाई, एक साल के लिए कुश्ती से निलंबित

Sports News: पेरिस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता अमन सहरावत पर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने एक वर्ष का निलंबन लगा दिया है। यह निर्णय उस समय लिया गया जब अमन विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में 1.7 किलोग्राम अधिक वजन के साथ पाए गए। नियमों के तहत उन्हें प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। डब्ल्यूएफआई ने अपने आधिकारिक पत्र में कहा —“आपको कारण बताओ नोटिस की तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती से जुड़ी सभी गतिविधियों से निलंबित किया जाता है।”
कारण बताओ नोटिस और जांच प्रक्रिया
अमन ने 29 सितंबर को अपना जवाब दिया, लेकिन अनुशासन समिति (Disciplinary Committee) ने उनके उत्तर को असंतोषजनक पाया। महासंघ ने बताया कि समिति ने मुख्य कोच और सहायक कोचिंग स्टाफ से भी बयान लिए और विस्तृत जांच के बाद कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्णय लिया।
डब्ल्यूएफआई ने कहा— “यह सिर्फ गलती नहीं, अनुशासनहीनता है”
भारतीय कुश्ती महासंघ ने इस पूरे प्रकरण को केवल तकनीकी गलती नहीं, बल्कि अनुशासन और पेशेवर आचरण की कमी से जुड़ा मामला बताया। महासंघ ने कहा- “एक ओलंपिक पदक विजेता से उम्मीद की जाती है कि वह खेल भावना, अनुशासन और पेशेवर आचरण के उच्चतम मानकों का पालन करे। यह गलती केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि देश की छवि पर भी असर डालती है।” डब्ल्यूएफआई का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए खिलाड़ियों का फिटनेस और अनुशासन दोनों में शत-प्रतिशत तैयार रहना आवश्यक है।
निलंबन के बाद अब 2026 तक वापसी संभव नहीं
WFI के इस निर्णय के बाद अमन सहरावत अब 2026 तक किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाएंगे। यह फैसला उनके करियर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वे भारत के शीर्ष 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल पहलवानों में से एक हैं। संगठन ने यह भी संकेत दिया है कि आगे से सभी खिलाड़ियों पर कड़े फिटनेस मानक और वजन जांच नियम लागू किए जाएंगे। डब्ल्यूएफआई का यह कदम भारतीय कुश्ती में अनुशासन और पेशेवर मानकों को सख्ती से लागू करने की दिशा में बड़ा संदेश देता है।
भारतीय कुश्ती के लिए सबक
अमन सहरावत का निलंबन न केवल एक खिलाड़ी के लिए चेतावनी है, बल्कि पूरे कुश्ती समुदाय के लिए भी एक संदेश है कि नियमों से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। महासंघ अब खिलाड़ियों से न केवल फिटनेस और प्रदर्शन, बल्कि व्यवहार और जिम्मेदारी में भी उत्कृष्टता की उम्मीद रखता है।