पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पृथक राज्य बनाए जाने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने निकाली रथ यात्रा
आगरा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा दिलाने की पुरानी मांग को लेकर मंगलवार को अधिवक्ताओं ने आगरा में अनोखा प्रदर्शन किया। दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओं ने दीवानी गेट नंबर-1 से चार घोड़ा गाड़ियों के साथ कलेक्ट्रेट तक रथ यात्रा निकाली। यात्रा में अधिवक्ताओं ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार से पृथक राज्य […]
आगरा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा दिलाने की पुरानी मांग को लेकर मंगलवार को अधिवक्ताओं ने आगरा में अनोखा प्रदर्शन किया। दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओं ने दीवानी गेट नंबर-1 से चार घोड़ा गाड़ियों के साथ कलेक्ट्रेट तक रथ यात्रा निकाली। यात्रा में अधिवक्ताओं ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार से पृथक राज्य की मांग की।
हालांकि यात्रा कलेक्ट्रेट तक पहुंचने से पहले ही एमजी रोड स्थित स्पीड कलर लैब के पास पुलिस ने रोक दी। इसके विरोध में अधिवक्ताओं ने सड़क पर बैठकर धरना शुरू कर दिया और ‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश हमारा है’, ‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश लेकर रहेंगे’, ‘वही दिल्ली पर राज करेगा जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पृथक राज्य बनाएगा’ जैसे नारे लगाए। बाद में पुलिस अधिकारियों द्वारा समझाने-बुझाने के बाद अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसीएम प्रथम को सौंपा और अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए।
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण जन मंच के संयोजक और अध्यक्ष अधिवक्ता अजय चौधरी के नेतृत्व में यह रथ यात्रा निकाली गई। ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश भौगोलिक दृष्टि से बहुत बड़ा राज्य है, जहां से सर्वाधिक सांसद और विधायक निर्वाचित होते हैं। इतने बड़े प्रदेश में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था संभालना कठिन है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से इलाहाबाद उच्च न्यायालय की दूरी 700 किलोमीटर से अधिक है, जिससे जनता को सस्ता और सुलभ न्याय नहीं मिल पाता। वहीं, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय अपेक्षाकृत पास पड़ते हैं।
अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वाधिक राजस्व देता है, लेकिन विकास कार्यों में इस क्षेत्र की उपेक्षा होती है। यदि अलग राज्य बने तो क्षेत्र का समग्र विकास संभव हो सकेगा और यहां का न्याय तंत्र भी मजबूत होगा।
अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया ने कहा कि यह रथ यात्रा और ज्ञापन कार्यक्रम केवल शुरुआत है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर अधिवक्ता लगातार जनजागरण अभियान चलाएंगे और सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करेंगे। इस दौरान अधिवक्ता श्याम सुंदर, विजय सिंह, हितेश कुमार समेत अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।
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