अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के पास बाघों का आतंक: किसानों में दहशत, वन विभाग ने बढ़ाई गश्त

युवक पर हुआ बाघ का हमला, इलाके में बढ़ी दहशत

सीमावर्ती गांवों में बाघ और गुलदार का खतरा
गादला, खैराबाद, जयसिंहजोत, रेहड़, अमाननगर, रायपुरी, अलीगंज, लालपुरी और अंगदपुर जैसे गांवों के लोग लगातार बाघ और गुलदार के दृष्टिगोचर होने की बात बता रहे हैं। रात के समय वन्यजीव आबादी के नजदीक दिखाई देते हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों में भी भय का माहौल है।
वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियों पर वन विभाग की प्रतिक्रिया
क्षेत्रीय वनाधिकारी अंकिता किशोर ने बताया कि अक्टूबर से मार्च तक बाघ परिवार का मेटिंग सीजन होता है, जिसके कारण इनकी गतिविधियां सामान्य से अधिक बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने वन विभाग से बार-बार अपील की है कि बाघ और गुलदार के आतंक से निजात दिलाई जाए। लोग चाहते हैं कि इलाके में त्वरित कदम उठाकर खेतों और घरों के आसपास सुरक्षा बढ़ाई जाए, ताकि लोग निश्चिंत होकर खेती-बाड़ी और रोजमर्रा के काम कर सकें।
