अलीगढ़ में वंदेमातरम का विरोध करने वाले सहायक अध्यापक सस्पेंड, रोरावर थाने में मुकदमा दर्ज
अलीगढ़। लोधा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय शाहपुर कुतुब में वंदेमातरम राष्ट्रगीत के गायन का विरोध करना एक सहायक अध्यापक को भारी पड़ गया है। आरोप है कि सहायक अध्यापक शमशुल हसन ने स्कूल में वंदेमातरम और 'भारत माता की जय' के नारे लगाने पर प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों से यह कहते हुए अभद्रता की कि यह उनके मजहब के खिलाफ है और स्कूल में यह नहीं चलेगा। इस घटना के बाद आरोपी शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है और रोरावर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना बुधवार, 12 नवंबर की है, जब वंदेमातरम के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे।
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राष्ट्रगीत का गायन: शाहपुर कुतुब उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रार्थना सभा में सहायक अध्यापक चंद्रपाल सिंह ने बच्चों से 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगवाए।
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विरोध और अभद्रता: प्रार्थना सभा के बाद सहायक शमशुल हसन ने चंद्रपाल सिंह को बुलाया और कहा, "इस स्कूल में यह नहीं चलेगा।" जब चंद्रपाल ने प्रधानाध्यापक से बात करने को कहा, तो शमशुल हसन गुस्से में बोला, "यह हमारे मजहब के खिलाफ है।"
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मुस्लिम बच्चों का जिक्र और धमकी: आरोप है कि शमशुल हसन ने अभद्रता करते हुए कहा कि यहाँ मुस्लिम बच्चे हैं और वह आसपास के सभी मुसलमानों को एकत्रित करके मीटिंग में शिक्षकों को बेइज्जत कराएगा।
यह देखकर प्रधानाध्यापक सुषमा रानी व अन्य स्टाफ भी वहां आ गए और वंदे मातरम का समर्थन किया। इस पर शमशुल हसन हेडमास्टर से भी भिड़ गया।
विभागीय जांच और निलंबन
शिक्षकों की सूचना पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) रामशंकर कुरील स्कूल पहुंचे और सभी के बयान दर्ज किए।
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शिकायत की पुष्टि: हेडमास्टर सुषमा रानी ने बीईओ को बताया कि शमशुल हसन पहले भी राष्ट्रगान और वंदे मातरम बुलवाने पर आपत्ति करते रहे हैं।
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बीएसए की कार्रवाई: बीईओ की रिपोर्ट के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएसए डॉ. राकेश सिंह खुद स्कूल पहुंचे और आरोपी शिक्षक से लिखित में जवाब मांगा। बीएसए ने शमशुल हसन द्वारा शासन के आदेशों का उल्लंघन और शिक्षक नियमावली का भी उल्लंघन पाए जाने पर उसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। निलंबन के दौरान उसे गंगीरी के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजगहीला से संबद्ध किया गया है।
आरोपी शिक्षक का बयान और प्रधान का रुख
शमशुल हसन ने अपने लिखित बयान में अधिकारियों को बताया कि वंदे मातरम का नारा पहली बार असेंबली में लगाया गया था और उन्होंने केवल प्यार के लहजे में इसे न लगवाने को कहा था, जिस पर चंद्रपाल सिंह अभद्रता करने लगे।
वहीं, गांव के प्रधान अरुण कुमार का कहना है कि शासन की गाइडलाइन में सभी स्कूलों में प्रार्थना के बाद वंदेमातरम गाना अनिवार्य है और किसी को भी इसका विरोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि स्कूल सरकारी संस्था है।
सहायक अध्यापक चंद्रपाल सिंह की तहरीर पर रोरावर थाने में शमशुल हसन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
