UP चुनाव के लिए मायावती ने फूंका बिगुल: लखनऊ में बड़ी बैठक, मास्टर चाबी के लिए 'तन, मन, धन' से जुटने का आह्वान



'मास्टर चाबी' और संगठन पर फोकस
मायावती ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से यूपी में सत्ता की 'मास्टर चाबी' हासिल करने के लिए तन, मन और धन से जुटने का आह्वान किया। संगठन को मजबूत करने पर जोर देते हुए, उन्होंने संगठन गठन के बचे हुए कार्यों को बिना किसी देरी के पूरा करने का निर्देश दिया। बैठक में उत्तराखंड के पार्टी पदाधिकारी भी शामिल हुए।
वहीं, उनके भतीजे और पार्टी के प्रमुख चेहरे आकाश आनंद, अस्वस्थ होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके।
रैली की सफलता पर शुक्रिया और विरोधियों पर हमला
मायावती ने 9 अक्टूबर को कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ रैली की ऐतिहासिक सफलता के लिए पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
उन्होंने रैली में सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल के आरोपों पर सपा और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। मायावती ने कटाक्ष करते हुए कहा कि विरोधी दल 'खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे' की तरह बर्ताव कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी के लोग प्राइवेट बसों, ट्रेनों, अपने साधनों से और पैदल चलकर आए थे, ऐसे में सरकारी बसों के इस्तेमाल की बातें 'अनाप-शनाप और बेतुकी' हैं, जिनमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है।
राजनीतिक ईमानदारी और योगी की तारीफ
बसपा सुप्रीमो ने खुद को पूंजीवादी पार्टियों से अलग बताते हुए कहा कि बसपा धन्नासेठों और पूंजीपतियों के सहारे चलने वाली पार्टी नहीं है।
उन्होंने सपा पर सीधा निशाना साधते हुए 1995 के गेस्ट हाउस कांड का जिक्र किया और कहा कि कोई भी दलित इस घटना के बाद सपा जैसी पार्टी पर विश्वास नहीं कर सकता।
इसके अलावा, मायावती ने योगी सरकार द्वारा बसपा सरकार में बने स्मारकों के रखरखाव के लिए टिकट से मिलने वाले पैसे को खर्च करने की मांग मानने पर योगी की तारीफ की। उन्होंने इसे बसपा की राजनीतिक ईमानदारी करार दिया, जो विरोधियों को अच्छी नहीं लगी। उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है, क्योंकि 'उनके चरित्र में राजनीतिक ईमानदारी का साहस कहाँ?'
जमीन पर उतरेंगी मायावती
9 अक्टूबर की रैली में जुटी ढाई से तीन लाख की भीड़ को देखते हुए बसपा का जोश हाई है। पार्टी अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है:
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मायावती अब 23 साल बाद फिर से जमीन पर उतरकर संगठन संभालने की तैयारी में हैं और खुद मंडलों में जाकर कार्यकर्ताओं के साथ कैंप करेंगी। वह 2002 तक ऐसा करती थीं।
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सांसद आकाश आनंद अब पूरे प्रदेश में घूमकर सभाएं करेंगे।
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बसपा भाईचारा कमेटियों के माध्यम से मुस्लिम, अति पिछड़े, दलित और ब्राह्मण चेहरों को साधने की कोशिश करेगी।
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