सड़कों पर धूल नियंत्रण एवं समुचित पानी के छिड़काव की करें पर्याप्त व्यवस्था - अरुण कुमार
मेरठ। आयुक्त सभागार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग डा. अरुण कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आगामी शीतकालीन ऋतु में वायु प्रदूषण के प्रभावी रोकथाम के दृष्टिगत समस्त उत्तरदायीं संस्थाओं/विभागों के साथ समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में प्रवीण कुमार, मुख्य पर्यावरण अधिकारी, उ०प्र०प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लखनऊ द्वारा सभी संबंधित जनपदों के उत्तरदायी अधिकारियों को कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाईनिंग ऐरिया (सीएक्यूएम) द्वारा निर्गत निर्देशों का प्रस्तुतीकरण कर तय नियमों के अनुपालन की विस्तृत जानकारी दी गयी। इस अवसर पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रमुख सचिव तथा अधिकारियों द्वारा फसल अवशेष में आग लगाना दंडनीय अपराध वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
राज्यमंत्री द्वारा मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर एवं शामली जनपदों में वायु प्रदूषण के नियंत्रण हेतु एवं एनसीआर में वर्तमान में लागू ग्रैप के प्राविधानों के अनुपालन में अभी तक संबंधित विभागों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई, की समीक्षा की गयी। राज्य मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव द्वारा सभी संबंधित जिलों के संबंधित अधिकारियों को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाईनिंग ऐरिया (सीएक्यूएम) द्वारा निर्गत निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन किये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं संबंधित जनपदों में सड़कों पर धूल नियंत्रण एवं समुचित पानी के छिड़काव की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिये। जिससे कि जनपद की वायु गुणता कुप्रभावित न हो एवं एनसीआर में 10 एवं 15 साल पुराने वाहनों के संचालन को रोकने के संबंध में भी निर्देशित किया।
जिले में निर्माणकारी परियोजनाओं में वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्यवाही करने को निर्देशित किया गया ताकि परिवेशीय वायुगुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। राज्यमंत्री ने कृषि विभाग को किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के लिये कहा। जिससे कि किसान खेतों में पराली न जलायें एवं किसानों द्वारा खेतों में जलायी जाने वाली पराली से हो रहे वायु प्रदूषण के बारे में भी प्रकाश डाला गया। ट्रांसपोर्ट एवं परिवहन विभाग को 01 नवम्बर 2026 से जिन गाड़ियों का प्रवेश दिल्ली में प्रतिबंधित किया गया है उन पर एक्शन प्लान तैयार करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
शहरी क्षेत्र में आवागमन हेतु ज्यादा से ज्यादा सीएनजी/विद्युत आधारित सार्वजनिक वाहनों का उपयोग सुनिश्चित किया जाये। आयोजित मीटिंग में सभी प्रमुख प्रदूषणकारी को उनके यहां स्थापित आनलाइन कंटीनुअस इमीशन मानीटरिंग सिस्टम (ओसीएमएस) स्थापित कर बोर्ड मुख्यालय एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर से संयोजित करने के भी निर्देश दिये गये एवं सभी कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलिशन इकाइयों को अपने अपने परियोजना स्थल पर एवं उनके आसपास के क्षेत्र में व्यापक रूप से धूल नियंत्रण एवं पानी का समुचित छिड़काव सुनिश्चित करने हेतु ज्यादा ज्यादा से एण्टी स्मोग गन, वाटर टैंकर द्वारा पानी का छिड़काव लगातार करने एवं बैठक में उपस्थित चारों जनपदों के अधिशासी अधिकारियों एवं नगर निगम को शहरी क्षेत्र में सड़को की सफाई हेतु ज्यादा से ज्यादा मशीनों द्वारा मैकेनिकल स्वीपिंग किये जाने के निर्देश दिये गये ताकि धूल न उड़े एवं परिवेशीय वायुगुणता कुप्रभावित न हो।
इस अवसर पर अनिल कुमार, प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ०प्र०शासन, डा०आरपी सिंह, अध्यक्ष, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लखनऊ तथा सदस्य सचिव, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लखनऊ, आयुक्त मेरठ मंडल भानु चन्द्र गोस्वामी, जिलाधिकारी डा. वीके सिंह, उपाध्यक्ष मेडा संजय कुमार मीणा, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार, डीएफओ वंदना फोगाट, एसपी ट्रैफिक राघवेन्द्र मिश्रा, उप कृषि निदेशक नीलेश चौरसिया, जिला सूचना अधिकारी सुमित कुमार, डीपीआरओ वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी व अन्य जनपदों बागपत, मुजफ्फरनगर एवं शामली के जिलाधिकारी व संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
