मेरठ में 28 दिसंबर तक लागू की गई धारा-163, बिना अनुमति कोई आयोजन या जुलूस नहीं
मेरठ। मेरठ में 28 दिसंबर तक धारा-163 लागू की गई है। जिला मजिस्ट्रेट ने इसके लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। आगामी त्योहारों और परीक्षाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जिला मजिस्ट्रेट डॉ. वी.के. सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-163 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जनपद मेरठ के संपूर्ण क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक/निषेधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर 28 दिसंबर 2025 की मध्यरात्रि तक प्रभावी रहेगा। डीएम ने बताया कि आगामी माह में गुरु नानक जयंती, कार्तिक पूर्णिमा, गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस और क्रिसमस जैसे पर्वों के अलावा विभिन्न आयोगों की प्रतियोगी परीक्षाएं और महाविद्यालयों की परीक्षाएं भी आयोजित की जानी हैं। मेरठ एक संवेदनशील जिला होने के कारण ऐसे अवसरों पर समाज विरोधी तत्व साम्प्रदायिक सौहार्द और सामाजिक समरसता बिगाड़ने का प्रयास कर सकते हैं।
डीएम ने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति, संस्था या संगठन द्वारा ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं किया जाएगा जिससे सांप्रदायिक सौहार्द को ठेस पहुंचे या धार्मिक उन्माद फैलने की स्थिति बने। सार्वजनिक अथवा निजी स्थल पर किसी भी प्रकार का आयोजन, प्रदर्शन, जुलूस, पदयात्रा या सभा बिना पूर्व अनुमति के नहीं की जाएगी। इसके अलावा, भवन स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी दीवार या संपत्ति पर पोस्टर, बैनर, होर्डिंग या कटआउट लगाने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर आदि) का प्रयोग भी बिना प्रशासनिक अनुमति के वर्जित होगा। अनुमति मिलने की स्थिति में भी निर्धारित शर्तों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा। डॉ. सिंह ने बताया कि यह आदेश तात्कालिक परिस्थितियों को देखते हुए एकपक्षीय रूप से पारित किया गया है। आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा-223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा।
