मुरादाबाद से दिल्ली अब तेज रफ्तार से: जर्जर पुल टूटा, नया 90 मीटर लंबा हाई लोड क्षमता वाला पुल बनने की शुरुआत
Moradabad News: मुरादाबाद–दिल्ली मार्ग पर स्थित गागन नदी का दशकों पुराना पुल पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है। लंबे समय से जर्जर अवस्था में पड़े इस पुल को सेतु निगम ने चार अक्टूबर से तोड़ना शुरू किया था और अब आखिरी हिस्से को भी हटाकर नया निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। पुराने पुल का टूटना जहां यातायात के लिए चुनौती बना है, वहीं नया आधुनिक पुल इस रूट की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है।
18.40 करोड़ की लागत से शुरू होगा उच्च क्षमता वाले नए पुल का निर्माण
ट्रैफिक डायवर्ट, जाम और धीमी रफ्तार का नया दौर शुरू
पुल के टूटने के साथ ही मुरादाबाद–दिल्ली मार्ग पर यातायात को पास के वैकल्पिक पुल से डायवर्ट कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर रूट परिवर्तन किया है, जिसके कारण आने वाले कई महीनों तक जाम और धीमी गति की समस्या बनी रहने की संभावना है। अगले एक वर्ष तक दिल्ली रोड का पूरा भार सिर्फ एक ही पुल पर रहेगा, जिससे भारी वाहनों के लिए भी यह चुनौतीपूर्ण समय साबित हो सकता है।
शासन की मंजूरी के बाद तेज गति से आगे बढ़ रहा निर्माण का प्लान
सेतु निगम के डीपीएम शशिकांत के अनुसार, शासन की मंजूरी मिलने के बाद निविदा प्रक्रिया पूरी की गई और इसी सप्ताह नए पुल का निर्माण औपचारिक रूप से शुरू होगा। नया पुल पुराने पुल की तुलना में अधिक मजबूत, आधुनिक तकनीक से लैस और बढ़ते ट्रैफिक दबाव को झेल सकने वाला होगा। इसमें उच्च गुणवत्ता के मटीरियल का उपयोग किया जाएगा ताकि आने वाले कई दशकों तक पुल सुरक्षित और प्रभावी रूप से काम कर सके।
भारी बारिश और बढ़े जलस्तर ने तोड़ा निर्माण का टाइम-टेबल
गागन नदी पर पुल ध्वस्त करने का काम पहले शुरू होने वाला था, लेकिन इस वर्ष मानसून के दौरान नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। लंबे समय तक पानी भरे रहने से निर्माण कार्य टालना पड़ा। अब पानी घटने और मौसम अनुकूल होने के बाद तोड़फोड़ और निर्माण की गति बढ़ा दी गई है। स्थानीय लोग मानते हैं कि जाम और परेशानी कुछ महीनों तक रहेगी, लेकिन नया पुल बनने के बाद सफर काफी आसान और सुरक्षित हो जाएगा। वहीं, माल ढुलाई में देरी का मुद्दा छोटे उद्योगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
नए पुल से मुरादाबाद-दिल्ली यातायात को मिलेगी नई रफ्तार और सुरक्षा
सेतु निगम के अनुसार नया पुल सिर्फ ढांचागत निर्माण नहीं, बल्कि भविष्य के ट्रैफिक सुधार का एक बड़ा कदम है। 10.5 मीटर चौड़ाई के कारण कई लेनों में वाहनों की आवाजाही संभव होगी, जिससे जाम की स्थिति कम होगी। भारी ट्रक, बस और कंटेनर वाहन आसानी से गुजर सकेंगे। 90 मीटर लंबाई से वाहनों को बार-बार गति कम नहीं करनी पड़ेगी, और एंबुलेंस तथा फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं का आवागमन भी बाधित नहीं होगा। यह डिजाइन आने वाले 30 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
