मुरादाबाद के मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात पर विदेशी फंडिंग की जांच तेज: छह बिंदुओं पर जवाब तलब
Moradabad News: मुरादाबाद के लोधीपुर स्थित मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात, जो पहले ही "कौमार्य प्रमाणपत्र" विवाद को लेकर सुर्खियों में था, अब विदेशी फंडिंग की जांच के दायरे में आ गया है। डीएम अनुज सिंह के आदेश पर गठित जांच कमेटी ने मदरसा प्रबंधन से फंडिंग से जुड़े छह बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। टीम ने मदरसे के बैंक खातों की भी जांच शुरू कर दी है ताकि फंड के स्रोत और उपयोग की सच्चाई सामने आ सके।
खातों के रिकॉर्ड खंगाले गए
पुलिस ने पहले कौमार्य प्रमाणपत्र मामले में एडमिशन प्रभारी को किया था गिरफ्तार
विदेशी फंडिंग जांच से पहले मदरसा पहले ही विवादों में घिर चुका था। कुछ महीने पहले पुलिस ने कौमार्य प्रमाणपत्र मांगने के मामले में एडमिशन सेल प्रभारी मोहम्मद शाहजहां को गिरफ्तार किया था। वे बिहार के पूर्णिया जिले के निवासी हैं। इस मामले में प्रधानाचार्य रहनुमा और अन्य स्टाफ की भूमिका की भी जांच चल रही है। फिलहाल पुलिस किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।
छात्रा के अभिभावकों ने किया था गंभीर आरोप
यह मामला 2024 में शुरू हुआ जब चंडीगढ़ के मनीमाजरा निवासी एक टेलर ने अपनी बेटी का दाखिला लोधीपुर राजपूत स्थित इस मदरसे में करवाया था। अगस्त 2025 में जब छात्रा को आठवीं में दाखिला दिलाने के लिए उसकी मां मदरसे पहुंचीं, तो प्रधानाचार्य रहनुमा और एडमिशन प्रभारी मोहम्मद शाहजहां ने 35 हजार रुपये वसूलने के बाद कथित तौर पर कौमार्य प्रमाणपत्र की मांग की। इस पर छात्रा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
विदेशी फंडिंग से जुड़ी जांच से और बढ़ी मुश्किलें
अब विदेशी फंडिंग की जांच शुरू होने से मदरसा प्रबंधन की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जब तक छह बिंदुओं के जवाब नहीं मिलते, जांच आगे नहीं बढ़ेगी। अधिकारियों का कहना है कि जांच पारदर्शी तरीके से की जा रही है ताकि किसी भी अनियमितता या बाहरी फंडिंग के दुरुपयोग का पता लगाया जा सके।
