रबी सीजन में फुले विक्रांत चना की खेती से करें जबरदस्त कमाई, कम पानी में ज्यादा पैदावार और सालभर बाजार में बनी रहती है मांग

अगर आप खेती करते हैं और इस रबी सीजन में कोई ऐसी फसल बोना चाहते हैं जो कम पानी में भी बढ़िया पैदावार दे और सालभर बाजार में मांग बनी रहे, तो आज का ये लेख आपके लिए है। आज हम बात करने वाले हैं चना की फुले विक्रांत किस्म के बारे में, जो किसानों के लिए फायदे का बेहतरीन सौदा साबित हो रही है।
चना की फुले विक्रांत किस्म क्यों है खास

इस किस्म की भंडारण क्षमता बहुत बेहतरीन होती है। किसान इसे सुखाकर लंबे समय तक स्टोर करके बाजार में बेच सकते हैं क्योंकि इसकी मांग सालभर बनी रहती है। यही कारण है कि इस किस्म को "लॉन्ग टर्म स्टोरेज वाली वैरायटी" कहा जाता है।
मिट्टी और बुवाई का सही तरीका
चना की फुले विक्रांत किस्म की खेती के लिए मध्यम से गहरी और पानी निकास वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। खेत की तैयारी में गहरी जुताई के साथ जैविक खाद या गोबर की सड़ी खाद डालना बेहद जरूरी होता है ताकि फसल को पर्याप्त पोषण मिल सके।
बुवाई से पहले बीजों का उपचार जरूर करें ताकि रोगों से बचाव हो सके। इसकी बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 80 से 100 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
बीजों की कतार से कतार की दूरी लगभग 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखनी चाहिए।
इस किस्म की फसल 105 से 110 दिनों में पूरी तरह पककर तैयार हो जाती है।
उपज और मुनाफा
अब बात करते हैं मुनाफे की — चना की फुले विक्रांत किस्म बेहद उच्च उपज देने वाली किस्म है। औसतन एक हेक्टेयर में लगभग 42 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है। वर्तमान बाजार भाव लगभग ₹51 प्रति किलो के हिसाब से अगर आप हिसाब लगाएं तो करीब ₹2,14,200 रुपए की आमदनी सिर्फ एक हेक्टेयर खेती से प्राप्त की जा सकती है।
यानी थोड़ी सी मेहनत और सही खेती के तरीके अपनाकर किसान भाई इस चना की किस्म से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं। यह एक देसी किस्म है, इसलिए इसकी दाल का स्वाद और गुणवत्ता दोनों ही बेहतरीन होते हैं, जिससे बाजार में इसकी कीमत बनी रहती है।
दोस्तों, अगर आप भी इस रबी सीजन में कोई भरोसेमंद फसल लगाना चाहते हैं तो फुले विक्रांत चना की खेती आपके लिए सबसे सही विकल्प हो सकता है। इसकी खासियत है कम पानी में ज्यादा उपज, अच्छी भंडारण क्षमता और बाजार में मजबूत मांग।