रबी सीजन में आलू की कुफरी सदाबहार किस्म की खेती से करें लाखों की कमाई, कम लागत में ज्यादा उत्पादन का सुनहरा मौका

अगर आप भी खेती से अच्छी आमदनी कमाना चाहते हैं और सोच रहे हैं कि कौन सी फसल कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे सकती है तो आज का ये लेख आपके लिए है। आज हम बात करने जा रहे हैं आलू की कुफरी सदाबहार किस्म के बारे में जो किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुकी है। इस किस्म की खासियत है कि इसकी खेती आसान है, लागत कम लगती है और उत्पादन कई गुना बढ़ जाता है।
क्यों करें कुफरी सदाबहार आलू की खेती

कुफरी सदाबहार आलू की किस्म मध्यम अवधि में पकने वाली और उच्च उपज देने वाली किस्म है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पछेती झुलसा बीमारी के प्रति प्रतिरोधी होती है यानी बीमारी का असर बहुत कम होता है। इसके कंद सफेद, आयताकार और उथली आंखों वाले होते हैं जिनका गूदा भी सफेद और स्वादिष्ट होता है। यह किस्म गुणवत्ता और बाजार में मांग दोनों के लिहाज से बेहतरीन मानी जाती है।
खेती का तरीका और तैयारी
इस आलू की किस्म की खेती शुरू करने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करनी चाहिए ताकि मिट्टी भुरभुरी और समतल हो जाए। इसके बाद खेत में गोबर की सड़ी खाद या जैविक खाद डालनी चाहिए ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।
ध्यान रखें कि खेत में पानी निकासी की व्यवस्था बहुत जरूरी है क्योंकि आलू की फसल में जलभराव से नुकसान होता है।
इस किस्म की बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर लगभग 2.5 से 3 टन बीज की आवश्यकता होती है। खेत में कतार से कतार की दूरी 60 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। बुआई के बाद आलू की कुफरी सदाबहार फसल करीब तीन महीने में तैयार हो जाती है और फिर किसान इसकी खुदाई करके बाजार में बेच सकते हैं।
उत्पादन और मुनाफा
अब बात करें असली मुनाफे की — आलू की कुफरी सदाबहार वैरायटी बेहद बंपर उत्पादन देने वाली किस्म है। एक हेक्टेयर में किसान 380 से 400 क्विंटल तक आलू की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इतनी शानदार उपज के साथ अगर बाजार में आलू की कीमत अच्छी रहे तो किसान लाखों रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
इस किस्म के आलू का उपयोग कई प्रकार के खाद्य उत्पादों और प्रोसेस्ड आइटम्स में किया जाता है, जिससे इसकी डिमांड सालभर बनी रहती है।
दोस्तों अगर आप इस रबी सीजन में कम लागत में ज्यादा लाभ कमाने का सोच रहे हैं तो आलू की कुफरी सदाबहार किस्म की खेती आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। इसकी खेती आसान है, उत्पादन शानदार है और बाजार में इसकी मांग लगातार बनी रहती है। सही समय पर बुआई और देखरेख करने से किसान भाई इसकी खेती से बेहतरीन मुनाफा कमा सकते हैं।