मुजफ्फरनगर। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत शहर में बनाए जा रहे 224 आवासों की गुणवत्ता पर सोमवार को उस समय सवाल खड़े हो गए जब उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने औचक निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्यों में गंभीर खामियां पाईं। मंत्री ने घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को फटकार लगाई और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान मंत्री अग्रवाल ने खुद ईंटों की गुणवत्ता परखी, जो घटिया पाई गईं। वहीं कई आवासों में टूटे हुए बिजली बोर्ड और अन्य निर्माण संबंधी कमियां भी सामने आईं। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सैंपल की जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्माण में किसी भी तरह की गुणवत्ता में कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जांच के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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इस दौरान मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की सचिव कविता मीणा ने बताया कि कुल 224 आवासों का निर्माण 9 करोड़ रुपए की लागत से सात टावरों में किया जा रहा है। फिलहाल बाहरी विकास कार्य जैसे सड़क, नाली, बाउंड्री वॉल, ड्रेनेज, बिजली और पानी की टंकी का कार्य प्रगति पर है। सचिव ने बताया कि तीन महीने के भीतर इन आवासों को पूरी तरह तैयार कर हैंडओवर कर दिया जाएगा।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि निरीक्षण के दौरान जो भी खराब गुणवत्ता का सामान मिला है, उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। यदि जांच में सामग्री घटिया पाई गई तो संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा और जिस भी हिस्से में खराब सामग्री का उपयोग हुआ है, उसे गिराकर फिर से निर्माण कराया जाएगा।
प्राधिकरण सचिव ने यह भी बताया कि पूरी प्रक्रिया नियमानुसार की गई है और सभी आवश्यक विभागों से एनओसी प्राप्त की गई है।
इस मामले में अब निगाहें इस बात पर हैं कि जांच रिपोर्ट क्या कहती है और क्या वास्तव में दोषी ठेकेदारों पर ठोस कार्रवाई की जाएगी या नहीं।