धनतेरस से पहले चांदी पर संकट: 1 किलो नहीं, 1 ग्राम पाने के लिए भी मारामारी, जानिए क्या है असली वजह

Silver Rate: दीपावली से पहले आने वाला धनतेरस हमेशा से चांदी और सोने की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है। परंतु इस बार स्थिति अलग है - देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में चांदी की किल्लत का संकट मंडरा रहा है। बड़े शहरों में चांदी प्रीमियम रेट पर बिकी रही है, जबकि छोटे शहरों के ज्वेलर्स के पास स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है। कई जगहों पर 1 किलो तो छोड़िए, 1 ग्राम चांदी भी हाथ नहीं लग रही। लोग धनतेरस की परंपरागत खरीदारी के लिए परेशान हैं।
ग्लोबल स्तर पर क्यों घट गई सप्लाई?

भारत में प्रीमियम पर बिक रही है चांदी
अजय केडिया का कहना है कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और जयपुर जैसे बड़े शहरों में उपभोक्ता 25 से 50 हजार रुपये प्रति किलो अतिरिक्त प्रीमियम चुका कर भी चांदी खरीद रहे हैं। इसके बावजूद छोटे शहरों के ज्वेलर्स ऑर्डर लेने से कतरा रहे हैं क्योंकि उनके पास माल मौजूद ही नहीं है। संभावना है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में इस बार धनतेरस पर चांदी खरीद पाना लगभग असंभव होगा।
आयात में कमी से टूटी सप्लाई चेन
भारत, जो चांदी का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, अपनी 80% से अधिक मांग आयात पर निर्भर होकर पूरी करता है। 2025 के पहले आठ महीनों में चांदी का आयात 42% घटकर केवल 3,302 टन रह गया। वहीं चांदी में निवेश, विशेषकर सिल्वर ETF के ज़रिए, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। 2024 में जो अधिशेष आयात हुआ था, वह अब पूरी तरह अवशोषित हो चुका है, जिससे नई आपूर्ति की आवश्यकता और बढ़ गई है।
प्रीमियम कीमतों ने आयातकों की नींद उड़ाई
भारत में चांदी की कीमत आम वायदा दरों से कहीं अधिक प्रीमियम पर ट्रेड कर रही है। सामान्य स्थिति में यह प्रीमियम बैंकों और आयातकों को लाभ देता, लेकिन इस बार हालात उलटे हैं। प्रमुख उत्पादक देशों की सीमित आपूर्ति, लॉजिस्टिक अड़चनें और ऊंची अंतरराष्ट्रीय ब्याज दरों ने आयात को रोक दिया है। लंदन में लीज़ रेट्स 30% से ऊपर पहुंच गई हैं, जिससे भौतिक चांदी की उधारी बेहद महंगी हो चुकी है।
Silver ETF ने बढ़ते प्रीमियम पर खींची ब्रेक
सितंबर में सिल्वर ETF में लगभग ₹53.42 अरब का निवेश हुआ, लेकिन जब फंड्स ने भौतिक चांदी खरीदने की कोशिश की तो मार्केट में उन्हें रिकॉर्ड प्रीमियम चुकाना पड़ा। निवेशकों को इन ऊंची दरों से नुकसान से बचाने के लिए ETF प्रबंधकों ने फिलहाल नए सब्सक्रिप्शन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह कदम दर्शाता है कि चांदी की सप्लाई चेन कितनी दबाव में आ चुकी है।
धनतेरस पर ‘सिल्वर क्राइसिस’! क्या करें निवेशक?
विशेषज्ञों की मानें तो अगर निवेशक इस धनतेरस पर चांदी नहीं पा रहे हैं, तो उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। आने वाले महीनों में सप्लाई स्थिर हो सकती है। तब तक ईटीएफ या डिजिटल सिल्वर जैसे विकल्प अपनाना समझदारी होगी। हालांकि फिलहाल चांदी की चमक त्योहार से पहले कई ज्वेलर्स की दुकानों से गायब होती दिख रही है।