सपाट खुले भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 25,900 स्तर से नीचे कारोबार कर रहा


निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 56.75 अंक या 0.10 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 59,428 स्तर पर था। वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 9.45 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,282 स्तर पर था। निफ्टी को लेकर मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शुरुआत में साइडवेज मूव्स की उम्मीद है। निफ्टी को लेकर अगर गिरावट 25830/780 स्तर से ऊपर बनी रहती है तो 26,186 को वापस रडार में लाने की कोशिशें हो सकती हैं। वहीं, अगर पुल बैक की कोशिशें 26000 स्तर को पार नहीं कर पाती हैं तो दोबारा से गिरावट हो सकती है, जिसका टारगेट 25590-400 लेवल होगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि अमेरिका के साथ एक फेयर और बराबरी का एग्रीमेंट करने की उम्मीद है। इसलिए चल रही रैली बनी रहने की उम्मीद है।
उधर, अमेरिका और चीन के टॉप लीडर्स के बीच आने वाले समिट में यूएस-चीन ट्रेड डील होने की भी संभावना नजर आती है। मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा, "अमेरिका के पास चीन के साथ अधिक मोलभाव करने की शक्ति नहीं है, क्योंकि चीन के पास रेयर अर्थ मिनरल्स और मैग्नेट का बहुत बड़ा कंट्रोल है। जिसका मतलब है कि अमेरिका को अपने गैर-जरूरी सख्त टैरिफ वाले रुख से पीछे हटना पड़ सकता है।" इस बीच, सेंसेक्स पैक में आईसीआईसीआई बैंक, बीईएल, टाटा स्टील, एमएंडएम और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स रहे। वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, कोटक बैंक और एक्सिस बैंक टॉप लूजर्स थे।
अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 0.31 प्रतिशत या 144.20 अंक की तेजी के साथ 46,734.61 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.58 प्रतिशत या 39.04 अंक की बढ़त के साथ 6,738.44 स्तर पर और नैस्डेक 0.89 प्रतिशत या 201.40 अंक की तेजी के साथ 22,941.80 पर हरे निशान में बंद हुए। एशियाई बाजारों में बैंकॉक, जकार्ता, सोल, हांगकांग, जापान और चीन सभी हरे निशान में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बीते कारोबारी दिन 23 अक्टूबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 1,165.94 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 3,893.73 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
