नोएडा में छठ महापर्व: डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर भक्तों ने मनाई भव्य छठ पूजा
नोएडा। आस्था का महापर्व छठ के व्रतियों ने सोमवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। छठ घाट पर हजारों श्रद्धालुओं का जनसमूह उमड़ पड़ा। छठी मैया के गीतों से आसपास का वातावरण भक्ति रस से सराबोर हो रहा था। कई छठ व्रती दंडवत होकर छठ घाट पर पहुंचे।
आज कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठघाटों पर लाखों छठव्रतियों और भगवान सूर्य के भक्तों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया। दिन में छठव्रतियों ने गेहूं, घी और शक्कर का ठेकुआ, चावल, घी और शक्कर का लड्डू प्रसाद के लिए बनाया। बांस के बने सूप, डाला, दौरा, टोकरी में सभी प्रकार का प्रसाद रखा गया। प्रसाद के रूप में सेब, केला, नारंगी, अमरूद, डाभ, नाशपाती, नींबू सहित सभी प्रकार का फल, ईख, पानी में फलनेवाला सिंघाड़ा, मूली, सुथनी, अदरख, हल्दी, कच्चा नारियल, चीनी का बना साँचा, घर में बना ठेकुआ, लड्डू, कच्चा धागे का बना बद्धी, सिंदूर, अगरबत्ती आदि रखा गया। जिसे सूर्यास्त से पूर्व छठव्रती और उनके परिवार के सदस्य सिर पर प्रसाद सहित सूप, डाला, दौरा, टोकरी लेकर घर से निकलकर छठघाट पर पहुंचे। कई छठव्रती घर से घाटों तक कष्टी देते पहुंचे।
छठ व्रतियों को अर्घ्य देने के लिए नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर के विभिन्न जगहों पर कई कृत्रिम तालाब बनाये गए है। इसके अलावा सेक्टर-21ए नोएडा स्टेडियम, सेक्टर-31 पूर्वांचल मित्र मंडल छठ पूजा समिति, सेक्टर-71 शिव शक्ति छठ पूजा समिति, सेक्टर-75 के गोल्फ सिटी प्लाट-8 में श्री सूर्यदेव पूजा समिति, सेक्टर-73 महादेव अपार्टमेंट छठ पूजा समिति, सेक्टर-137 के बायो डायवर्सिटी पार्क, सेक्टर-93 के श्रमिक कुंज, सेक्टर-45, कालिंदी कुंज के यमुना घाट समेत अन्य जगहों पर बड़े स्तर पर सामूहिक रूप से छठ घाट बनाए गए हैं। महापर्व के लिए सेक्टरों और सोसायटियों में भी 100 से अधिक कृत्रिम घाट तैयार किए गए है। घाटों के आसपास सजावट, साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था और धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
छठ व्रतियों ने बताया कि हम लोग डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर घर के बुजुर्गों को सम्मान देने का संदेश समाज को देते हैं। नदी, तालाब, जल में प्रवेश कर भगवान सूर्य की पूजा कर प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं। यह पर्व परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ इकट्ठा कर सामाजिक एकता का संदेश देता है। हिन्दू, मुस्लिम सहित सभी जातियों के लोग इस महान पर्व को मनाते हैं। यह पर्व साम्प्रदायिक व सामाजिक एकता व भाईचारे का महापर्व है। यह भगवान सूर्य की उपासना और भक्ति का महान लोकपर्व है।
