नोएडा पुलिस की हिरासत में यूट्यूबर अजीत भारती, सीजेआई पर विवादित टिप्पणी का आरोप

नोएडा। देश के जाने-माने यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अजीत भारती को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई से जुड़ी घटना पर कथित विवादित और भड़काऊ टिप्पणी करने के मामले में मंगलवार को नोएडा पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की। हालाँकि, कुछ समय बाद आपत्तिजनक ट्वीट डिलीट करने के बाद उन्हें पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया।
पुलिस कार्रवाई और पूछताछ
अपर पुलिस उपायुक्त सुमित शुक्ला ने बताया कि यूट्यूबर अजीत भारती, जो नोएडा के सेक्टर 55 में रहते हैं, को हिरासत में लिया गया था। उन्हें पहले सेक्टर-58 थाने, फिर डीसीपी ऑफिस, और अंततः 12/22 चौकी ले जाया गया, जहाँ उनसे गहन पूछताछ की गई।
आरोप था कि उनकी टिप्पणियाँ भड़काऊ थीं और उन्हें एक विशेष समुदाय या न्यायपालिका के खिलाफ नफरत फैलाने वाला माना गया। पूछताछ के बाद और उनके द्वारा आपत्तिजनक ट्वीट डिलीट करने के बाद पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया। पुलिस ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सवाल
अजीत भारती की हिरासत और रिहाई ने तुरंत अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए। उनके समर्थकों ने उनकी रिहाई की उम्मीद जताते हुए इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई।
अजीत भारती ने जूता फेंकने की कोशिश वाली घटना का जिक्र करते हुए ट्वीट किया था: “यह आरंभ है। ऐसे पतित, हिन्दू विरोधी और कायर जजों के साथ सड़कों पर भी ऐसा ही होगा। यदि वे आदेश में लिखी जाने वाली बातों से इतर अपने विषैले हृदय के उद्गार, हिन्दुओं को नीचा दिखाने के लिए प्रकट करेंगे।”
उधर, जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर ने भी कहा था कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि उन्होंने वही किया जो परमात्मा ने उनसे कराना चाहा।