बिहार ने रचा नया लोकतांत्रिक इतिहास: 63 साल बाद रिकॉर्ड 67% मतदान, दो चरणों में शांतिपूर्ण वोटिंग पूरी
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार मतदाताओं ने इतिहास रच दिया। 63 साल बाद रिकॉर्ड 67 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जिसने राज्य में लोकतांत्रिक भागीदारी की नई मिसाल कायम की। मतदाताओं में युवाओं और पहली बार वोट डालने वाले नागरिकों की संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़ी। पूरे राज्य में जागरूकता अभियान, सोशल मीडिया की सक्रियता और गांव-शहर दोनों स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों ने इस उत्साह को और बढ़ाया। विशेषज्ञों के अनुसार, यह रुझान लोकतंत्र के प्रति बढ़ते विश्वास का संकेत है।
दो चरणों में रिकॉर्ड वोटिंग, कई जिलों ने पार किए 75% से अधिक आंकड़े
14 नवंबर को वोटों की गिनती
सीईओ गुंजियाल ने बताया कि दूसरे चरण के करीब दो हजार बूथों से अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होना बाकी है। उन्होंने कहा कि आंकड़े देर रात तक आते रहेंगे। इस बीच मतगणना की तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। 14 नवंबर को राज्य भर के 46 मतगणना केंद्रों पर सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। जिलों में सुरक्षा-व्यवस्था सख्त कर दी गई है और सभी राजनीतिक दल अपने-अपने रणनीति केंद्रों में परिणाम को लेकर सक्रिय हो चुके हैं।
महिलाओं की बढ़ी भागीदारी, कई योजनाओं का असर दिखा मतदान में
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार रिकॉर्ड वोटिंग के पीछे एनडीए सरकार की उन योजनाओं का भी असर रहा है, जिनका सीधा लाभ महिलाओं को मिला है। जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं को मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत 10 हजार रुपये की सहायता और दो करोड़ से अधिक परिवारों को हर महीने 125 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा ने महिलाओं में राजनीतिक सक्रियता बढ़ाई। पिछले चार चुनावों में भी महिलाएँ पुरुषों से अधिक वोटिंग कर रही हैं, और इस बार यह रुझान और मजबूत हुआ।
1.80 करोड़ महिला कार्यकर्ता सक्रिय
मतदान कार्य में 1.80 करोड़ से अधिक जीविका दीदी और महिला कार्यकर्ताओं को लगाया गया, जिनका मुख्य काम पर्दानशीं महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित करना था। मतदान के उपरांत हर बूथ पर चुनाव एजेंट को फ़ॉर्म-सी प्रदान किया गया, जिसमें बूथ से संबंधित सभी आंकड़े दर्ज थे। पूरे राज्य में सभी बूथों पर लाइव वेबकास्टिंग सुनिश्चित की गई, जिससे चुनाव की पारदर्शिता और निगरानी को मजबूत बनाया जा सका।
बंपर वोटिंग के दो बड़े कारण: त्योहारों में लौटे प्रवासी और मतदाता सूची पुनरीक्षण
बंपर वोटिंग के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें दो कारण सबसे प्रमुख हैं। पहला दीवाली और छठ के अवसर पर बिहार लौटे प्रवासी मतदाताओं के लिए 13 हजार से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जिसके चलते लाखों लोग अपने गृह जिले में मतदान कर सके। दूसरा—इस बार मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) के तहत बड़ी संख्या में नए मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया। साथ ही राजनीतिक दलों द्वारा दी गई घोषणाओं और लाभकारी योजनाओं ने भी मतदाताओं को मतदान केंद्र तक आकर्षित किया।
