हरियाणा सरकार ने संभाला बेरी माता मंदिर का नियंत्रण: श्राइन बोर्ड मॉडल के साथ शुरू हुआ एक नया प्रशासनिक अध्याय
Haryana News: हरियाणा सरकार ने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले बेरी स्थित श्रीमाता भीमेश्वरी देवी मंदिर पर औपचारिक रूप से श्राइन बोर्ड का नियंत्रण स्थापित कर दिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून एवं विधायी विभाग की सचिव रितु गर्ग द्वारा अधिसूचना जारी की गई। इसके साथ ही मंदिर से जुड़ी सभी संपत्तियां अब बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आ जाएंगी।
दान से लेकर भूमि तक सभी संसाधन बोर्ड के अधीन
सदियों पुरानी परंपरा में महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब पुजारियों के पारंपरिक अधिकार लागू नहीं रहेंगे। हालांकि, उनके लिए मुआवजा और बोर्ड में समायोजन का विकल्प दिया गया है। इसके लिए एक विशेष ट्रिब्यूनल भी बनाया जाएगा। यदि कोई पुजारी आगे भी सेवा देना चाहता है, तो उसे योग्यता और चयन प्रक्रिया के आधार पर नियुक्त किया जा सकता है।
तीसरा मंदिर जो हरियाणा में श्राइन बोर्ड मॉडल पर चलेगा
हरियाणा में पहले से ही दो प्रमुख मंदिर-पंचकूला का माता मनसा देवी और गुरुग्राम का श्री शीतला माता मंदिर-श्राइन बोर्ड के तहत संचालित हो रहे हैं। अब बेरी का माता भीमेश्वरी देवी मंदिर भी इसी मॉडल पर लाया गया है। नया बोर्ड भी इसी संरचना पर काम करेगा।
महाभारतकाल से जुड़ा मंदिर
माना जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस स्थान पर पूजा की थी और भीम ने यहां माता की स्थापना की थी। इसी वजह से यह मंदिर भीमेश्वरी देवी के नाम से प्रसिद्ध है। हर साल नवरात्रों में लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
आधुनिक सुविधाओं और धार्मिक पर्यटन में होगी वृद्धि
सरकार का दावा है कि श्राइन बोर्ड लागू होने के बाद मंदिर परिसर का विकास तेज होगा। यात्रियों की सुविधा, पार्किंग, सुरक्षा व्यवस्था और धार्मिक आयोजनों में सुधार सुनिश्चित किया जाएगा। हर साल बोर्ड ऑडिट और बजट पेश करेगा, जिससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
बोर्ड में मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष
नए बोर्ड के चेयरमैन हरियाणा के मुख्यमंत्री होंगे। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल वाइस-चेयरमैन होंगे, जबकि झज्जर के डीसी बोर्ड के सदस्य सचिव होंगे। सरकार इसमें सरकारी और गैर-सरकारी दोनों प्रकार के सदस्यों को नियुक्त करेगी।
