छिंदवाड़ा में जहरीले पानी से फैला रोग, राजोला गांव के 60 लोग बीमार — कुएं में मिले चार मृत कबूतर बने बीमारी का कारण

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा जिला एक बार फिर चर्चा में है। कुछ दिन पहले कोल्ड्रिफ कफ सीरप के कारण बच्चों की मौत ने प्रशासन को झकझोर दिया था, और अब राजोला गांव में दूषित पानी से 60 लोगों की तबीयत बिगड़ गई है। गांव के लोगों ने जो पानी पिया, वही उनके लिए बीमारी का सबब बन गया।
पूरे गांव को बीमार बना गया कुएं का जहरीला पानी

कबूतरों की लाशों ने बढ़ाई मुसीबत
प्रशासन की जांच में सबसे खौफनाक बात यह सामने आई कि जिस कुएं का पानी ग्रामीण पी रहे थे, उसमें चार कबूतर मरे हुए मिले। उन्हीं से पानी संक्रमित हुआ और बीमारी तेजी से फैल गई। गांव के लोगों ने बताया कि कई दिनों से पानी का रंग और गंध बदला हुआ था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
स्वास्थ्य विभाग की तत्परता से मिली राहत
जैसे ही बीमार लोगों की संख्या बढ़ी, स्वास्थ्य विभाग की टीम फौरन मौके पर पहुँची। अधिकारियों ने पूरे गांव के 150 परिवारों की जांच की, जिनमें से 60 लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत पाई गई। प्रशासन ने तुरंत चिकित्सा शिविर लगाया और सभी बीमारों को दवाएं दीं। डॉक्टरों के मुताबिक, फिलहाल किसी की हालत गंभीर नहीं है, पर लगातार निगरानी जारी है।
एसडीएम बोले-दूषित पानी की पुष्टि हो चुकी है
छिंदवाड़ा के एसडीएम हेमकरण धुर्वे ने कहा कि जांच के दौरान कुएं का पानी दूषित पाया गया है और उसका नमूना लैब भेजा गया है। उन्होंने बताया कि “चार कबूतर जो कुएं में मृत मिले, वे संभवतः संक्रमण का मूल कारण हैं।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि गांव में तीन दिन तक मेडिकल टीम लगातार तैनात रहेगी।
पंचायत की लापरवाही पर ग्रामीणों का गुस्सा
गांव के लोगों ने पंचायत पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से कुएं और पानी की टंकी की समय पर सफाई नहीं करवाई गई। लोगों ने कहा कि यदि प्रशासन पहले ही ध्यान देता तो इतनी बड़ी संख्या में बीमारी फैलने से रोकी जा सकती थी। अब पंचायत के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है।
प्रशासन ने सफाई और हिदायतें जारी कीं
घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत गांव में सफाई अभियान शुरू किया। कुएं को सील कर उसकी सफाई और क्लोरीन से संक्रमणमुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ग्रामीणों को केवल उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी पीने की सलाह दी गई है ताकि आगे संक्रमण न फैले।
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