आरएसएस की ‘पंच परिवर्तन’ पहल: संगठन से समाज तक परिवर्तन की नई लहर, जबलपुर बैठक में बनेगी क्रियान्वयन रणनीति
Madhya Pradesh: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने ‘पंच परिवर्तन’ के विज़न को लेकर अब अगले चरण की ओर बढ़ चुका है। संघ के अलावा उसके सभी अनुषांगिक संगठन भी इस ऐतिहासिक विचार पर अमल करेंगे। इस पहल पर व्यापक चर्चा के लिए 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक जबलपुर में आयोजित होने वाली अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक को निर्णायक माना जा रहा है। सोमवार को शीर्ष टोली ने सभी अनुषांगिक संगठनों से उनकी वार्षिक रूपरेखा मांगी है, ताकि इस अभियान के क्रियान्वयन की ठोस रणनीति तैयार की जा सके।
बड़े नेता जबलपुर में जुटे
भाषाई प्रचारक और क्षेत्रीय टोली भी जुटी संवाद में
रविवार को संघ के भाषाई प्रचारकों ने गुजराती, पंजाबी और मराठी समूहों के प्रतिनिधियों से संवाद किया। इसके अलावा तीन सामाजिक बैठकों में अखिल भारतीय पदाधिकारियों के साथ क्षेत्रीय टोली के वरिष्ठ कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। यह संवाद सत्र संघ के संदेश को देशभर के विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक समूहों तक प्रभावी ढंग से पहुँचाने की तैयारी का हिस्सा हैं।
पंच परिवर्तन - आरएसएस की दूरदर्शी पहल
संघ ने अपनी स्थापना शताब्दी (2025-26) को ध्यान में रखते हुए अक्टूबर 2026 तक के लिए ‘पंच परिवर्तन’ नामक एक महत्वाकांक्षी अभियान शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य संगठन, समाज, व्यक्ति, परिवार और वातावरण - इन पाँचों स्तरों पर सुधार और संवर्धन लाना है।
संघ का मानना है कि परिवर्तन की शुरुआत व्यक्ति और परिवार से होती है, और वही तरंग समाज और राष्ट्र तक पहुँचकर संपूर्ण परिवर्तन की नींव रख सकती है।
बनेगी व्यापक योजना
इस बैठक में संघ के 46 प्रांत प्रचारक, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य अनुषांगिक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी.एल. संतोष भी मंगलवार को जबलपुर पहुँचेंगे।
संघ की इस ऐतिहासिक बैठक से यह उम्मीद की जा रही है कि ‘पंच परिवर्तन’ कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर लागू करने की रूपरेखा यहीं से तय होगी, जिससे आने वाले वर्षों में संगठन और समाज दोनों में नए युग का सूत्रपात हो सके।
