राजस्थान में 15 दिन के नवजात के मुंह में पत्थर ठूंसकर फेवीक्विक से चिपकाए होंठ, जंगल में फेंका गया मासूम, चरवाहे ने बचाई जान

भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। मंडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बिजोलिया थाना इलाके में सीताकुंड जंगल के पास 15-20 दिन के नवजात बच्चे को क्रूरता से जंगल में फेंक दिया गया। आरोपी ने बच्चे के रोने की आवाज दबाने के लिए उसके मुंह में पत्थर ठूंस दिया और होंठों को फेवीक्विक से चिपका दिया। पत्थरों के ढेर के नीचे दबे बच्चे को एक चरवाहे ने खोजा, जिसकी तत्परता से उसकी जान बच गई। बच्चा अब भीलवाड़ा जिला अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
चिकित्सकों के अनुसार, बच्चे का वजन करीब 3 किलोग्राम है। मुंह में पत्थर और फेवीक्विक के कारण संक्रमण पूरे शरीर में फैल गया है। पैर पर गंभीर जलन के अलावा होंठों के आसपास चिपकने के घाव हैं। पीडियाट्रिक्स हेड डॉ. इंदिरा सिंह ने बताया, "बच्चे की हालत गंभीर है। संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए एंटीबायोटिक्स दिए जा रहे हैं। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन अब स्थिर है।" अस्पताल प्रशासन ने भीलवाड़ा चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को सूचित कर दिया है, और बच्चे को जल्द फॉस्टर होम भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
बिजोलिया पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। हेड कांस्टेबल विजय सिंह ने बताया, "चरवाहे ने पत्थरों के ढेर के पास बच्चे को तड़पते देखा। मुंह में पत्थर और होंठ फेवीक्विक से चिपके थे। ग्रामीणों ने पत्थर निकाले और अस्पताल पहुंचाया। प्रारंभिक जांच में लगता है कि यह मां या परिजनों द्वारा की गई क्रूरता है।" पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और आसपास के सीसीटीवी, ग्रामीणों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट से आरोपी तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। यह घटना बच्चे के जन्म के तुरंत बाद की लग रही है।
यह घटना मानवता की उन काली सच्चाइयों को उजागर करती है, जहां लोग अपने ही बच्चों को मौत के घाट उतारने के लिए ऐसी हैवानियत पर उतर आते हैं। लेकिन 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोई' की कहावत चरवाहे की बहादुरी से एक बार फिर सिद्ध हुई। राजस्थान में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं, और सोशल मीडिया पर #SaveTheInnocent जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।