सिर्फ जाति से नहीं लगेगा SC-ST एक्ट: राजस्थान हाईकोर्ट ने 30 साल पुराने केस में सुनाया ऐतिहासिक फैसला
Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि केवल जाति से संबंधित होने भर से अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम लागू नहीं हो जाता। कोर्ट ने कहा कि इस कानून के तहत अपराध तभी माना जाएगा जब आरोपी ने IPC की ऐसी धारा के तहत अपराध किया हो जिसमें 10 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान हो, और यह अपराध जातिगत विद्वेष या पहचान के कारण किया गया हो।
30 साल पुराने केस में तीन भाइयों को राहत
सिर्फ पगडंडी का विवाद
अभियोजन के अनुसार, परिवादी ने आरोप लगाया था कि आरोपितों ने उसकी जमीन पर अतिक्रमण किया और मारपीट की। लेकिन हाईकोर्ट की जांच में पाया गया कि विवाद का मूल कारण पगडंडी (रास्ते) को लेकर जमीन संबंधी टकराव था और इसे जातिगत भावना से जोड़ने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला। इसलिए SC-ST एक्ट की धाराएं लागू करने का आधार कमजोर साबित हुआ।
अतिक्रमण पर SC-ST एक्ट क्यों नहीं लग सकता?
कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण IPC की धारा 447 के अंतर्गत आता है, जिसकी अधिकतम सजा केवल तीन महीने है। ऐसे में यह अपराध SC-ST एक्ट की अनिवार्य शर्त-10 साल या उससे अधिक की IPC सजा-को पूरा नहीं करता। इसलिए कोर्ट ने एक्ट की धाराओं को अनुपयुक्त मानते हुए हटाने का आदेश दिया।
