पारंपरिक खेती बने आधुनिक भारत की शक्ति, वैज्ञानिक करें नवाचारों को किसानों तक पहुंचाने का संकल्प

Uttarakhand News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का युग विज्ञान और नवाचार का युग है, इसलिए वैज्ञानिकों का दायित्व है कि वे पारंपरिक खेती पर अनुसंधान करें और उसे नई तकनीकों से जोड़ें। उन्होंने कहा कि किसानों तक नवीनतम खोजों को पहुंचाना आवश्यक है ताकि खेती अधिक लाभकारी बने। सीएम धामी ने जी.बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के “किसान कुंभ” को “ज्ञान कुंभ” बताते हुए इसे देश की कृषि क्रांति की नई नींव करार दिया।
उत्तराखंड में वर्षा आधारित खेती को मिलेगा नया आयाम

कृषि कुंभ बना नवाचार और ज्ञान का संगम
जी.बी. पंत विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित चार दिवसीय अखिल भारतीय कृषि कुंभ और कृषि उद्योग प्रदर्शनी के दौरान सीएम ने स्टालों का निरीक्षण किया और विद्यार्थियों व शोधार्थियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच संवाद और सहयोग का दायरा बढ़ता है। 400 से अधिक स्टालों में से 200 स्टाल देश के विभिन्न राज्यों के कृषि उद्योगों, स्टार्टअप्स और स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए थे।
आधुनिक तकनीक से बढ़ेगी किसानों की आय और आत्मनिर्भरता
सीएम धामी ने कहा कि ऐसे आयोजन केवल प्रदर्शन तक सीमित नहीं रहते बल्कि यह किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों और आधुनिक उपकरणों की जानकारी देने का अवसर भी प्रदान करते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि आधुनिक तकनीक और नवाचारों की मदद से उत्तराखंड के किसान न केवल अपनी पैदावार बढ़ा सकेंगे, बल्कि कृषि को अधिक टिकाऊ, लाभकारी और आत्मनिर्भर बना पाएंगे।
कृषि मेले में चर्चा रही समसामयिक विषयों पर भी
गांधी सभागार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता (UCC) और नकल विरोधी कानून पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार हर क्षेत्र में पारदर्शिता और समानता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यह केवल कृषि-केंद्रित आयोजन नहीं बल्कि समाजिक और वैचारिक एकता का भी प्रतीक है।