तेज बारिश और पहाड़ी खिसकाव ने बढ़ाया हरिद्वार का खतरा: प्रशासन और भूवैज्ञानिक अलर्ट पर

Uttarakhand News: हरिद्वार में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण मनसा देवी पहाड़ी पर बड़ा भूस्खलन हुआ है। हिल बाइपास का हिस्सा ध्वस्त हो गया है और पहाड़ी तथा सड़क पर गहरी दरारें पड़ने से आसपास के बस्तियों, रेलवे लाइन और हरकी पैड़ी को खतरा मंडरा रहा है। भूवैज्ञानिकों ने निरीक्षण कर उचित ट्रीटमेंट का सुझाव दिया है। राजाजी टाइगर रिजर्व ने लोगों को अलर्ट किया है, क्योंकि पहाड़ तेजी से खिसक रहा है।
जिलाधिकारी के निर्देशन में व्यापक सर्वे
मूसलधार बारिश ने बढ़ाई जोखिम की गंभीरता
हरिद्वार में एक सप्ताह के भीतर 500 एमएम से अधिक वर्षा दर्ज की गई। मंगलवार रात और गुरुवार सुबह शहर में आकाशीय बिजली की भयानक गरज सुनाई दी। मंगलवार रात मात्र 170 एमएम वर्षा दर्ज की गई, जिससे मनसा देवी की पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ। बुधवार रात और बृहस्पतिवार सुबह तक अतिरिक्त 62 एमएम वर्षा दर्ज होने से भूस्खलन का दायरा और बढ़ गया।
हिल बाइपास का ध्वस्त हिस्सा
भूस्खलन के कारण हिल बाइपास का लगभग 300 मीटर हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। आसपास की पहाड़ियों और सड़क पर लंबी और गहरी दरारें बन गई हैं। तलहटी की ओर मौजूद बांस के जंगल ने मलबा और पत्थरों को कुछ हद तक रोक रखा है।
भूस्खलन जोन का विस्तृत सर्वे
भूवैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि मनसा देवी की पहाड़ियों में लगभग छह किलोमीटर के दायरे में 11 पुराने और चार नए भूस्खलन जोन बन चुके हैं। लगातार खिसकाव के कारण इन जोनों की संख्या बढ़ती जा रही है।
सैंड और मडस्टोन की कमजोर पहाड़ी
उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की टीम के वरिष्ठ भूवैज्ञानिक डॉ. रुचिका टंडन ने बताया कि मनसा देवी और भीमगोड़ा क्षेत्र की पहाड़ी सैंडस्टोन और मडस्टोन से बनी है, जो बहुत कमजोर मानी जाती है। पहाड़ी का परीक्षण कराया जाएगा और मिट्टी-पत्थर के नमूने जांच के लिए लिए गए हैं। इसके आधार पर भूस्खलन क्षेत्र के लिए उचित प्रबंधन और ट्रीटमेंट योजना तैयार की जाएगी।
संयुक्त प्रशासनिक बैठक की तैयारी
भूवैज्ञानिकों की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद वन विभाग, रेलवे, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक होगी। बैठक में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के लिए तत्काल सुरक्षा उपाय और दीर्घकालिक समाधान पर चर्चा होगी।
राजाजी टाइगर रिजर्व की चेतावनी
हरिद्वार रेंज के रेंजर बीडी तिवाड़ी ने बताया कि पहाड़ी के ऊपर से मिट्टी का अधिकांश हिस्सा नीचे की ओर खिसक रहा है। तेज वर्षा में खिसकाव की गति और बढ़ सकती है। भीमगोड़ा क्षेत्र में रेलवे लाइन के ऊपर भारी पत्थर और बोल्डर रुके हुए हैं। वन विभाग ने स्थानीय आबादी को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है।
आकाशीय बिजली से भूस्खलन और बढ़ा
भूवैज्ञानिकों का अनुमान है कि तीन दिन पहले गिरी आकाशीय बिजली से भूस्खलन और अधिक गंभीर हुआ है। यह क्षेत्र अब सतत निगरानी और तात्कालिक ट्रीटमेंट की मांग कर रहा है।