केदारघाटी का प्रत्येक कण शिवमय’: राज्यपाल गुरमीत सिंह ने केदारनाथ धाम में की विश्व कल्याण की प्रार्थना


पवित्र भूमि पर राज्यपाल का स्वागत

तीर्थ पुरोहित समाज से भेंट
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मंदिर परिसर में तीर्थ पुरोहित समाज से मुलाकात की, जहां पारंपरिक विधियों और मंत्रोच्चारण के साथ उनका स्वागत किया गया। राज्यपाल ने इस भावनात्मक क्षण को “आध्यात्मिक अनुभूति” बताते हुए कहा कि केदारनाथ की इस भूमि पर कदम रखते ही मन ध्यानमग्न हो जाता है। पूजन के बाद उन्होंने श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और ‘बोलो बाबा केदारनाथ की जय’ के नारों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना दिया।
पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण
राज्यपाल ने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। अधिशासी अभियंता डी.डी.एम. विनय झिंकवाण ने चल रहे कार्यों की जानकारी दी। राज्यपाल ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकांश परियोजनाएँ पूर्ण हो चुकी हैं और शेष कार्य अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में यात्रा प्रबंधन और पुनर्निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे भक्तों को अधिक सुविधा मिली है।
तीर्थ पुरोहितों के भवन निर्माण की प्रगति पर ख़ुशी
राज्यपाल को यह भी बताया गया कि तीर्थ पुरोहितों के लिए बनाए जा रहे भवनों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। भूमि एवं भवन आवंटन से संबंधित मुद्दों का समाधान भी किया जा चुका है। इस पर राज्यपाल ने मंदिर समिति और जिला प्रशासन के समन्वित प्रयासों की सराहना की और कहा कि इन कोशिशों से तीर्थ व्यवस्था और भी सुदृढ़ हो रही है।
अधिकारियों और कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने केदारनाथ में ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों, पुलिस कर्मियों और सेवा दलों से भेंट कर उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को सुविधाजनक और सुरक्षित अनुभव प्रदान करने में आप सबका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि “सेवाभाव और निष्ठा ही भगवान की सच्ची उपासना है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, यह हम सबका साझा दायित्व है।”
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत, मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल, उप जिलाधिकारी अनिल शुक्ला, अध्यक्ष पं. राजकुमार तिवारी, महामंत्री राजेंद्र तिवारी, मंत्री अंकित प्रसाद सेमवाल, सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी और तीर्थ पुरोहितगण मौजूद रहे।