उत्तराखंड में एंबुलेंस सेवा की बड़ी लापरवाही: समय पर मदद न मिलने से महिला ने तोड़ा दम, ग्रामीणों में गुस्सा

समय पर नहीं पहुंची एंबुलेंस, दूसरी रास्ते में हुई खराब

गलत रास्ते से गई एंबुलेंस, बढ़ी दूरी और देरी
जानकारी के अनुसार, एंबुलेंस को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के दो छोटे मार्ग होने के बावजूद चालक ने लंबे रास्ते नंदप्रयाग-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जाने का निर्णय लिया। इस वजह से न केवल समय अधिक लगा, बल्कि वाहन में खराबी भी आ गई। चालक ने मजबूर होकर नंदप्रयाग में ही महिला को दूसरी एंबुलेंस में शिफ्ट किया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी — जिला चिकित्सालय पहुंचने से पहले ही महिला की मौत हो गई।
नौ बजे पहुंची एंबुलेंस, उठे सवाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर
ग्रामीणों का आरोप है कि यह एंबुलेंस रात नौ बजे जिला चिकित्सालय पहुंची, जबकि दुर्घटना शाम चार बजे हुई थी। यानी लगभग पांच घंटे की देरी में एक जिंदगी खत्म हो गई। लोगों ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में एंबुलेंस सेवा महज़ कागज़ों में तेज़ चलती है, जमीनी स्तर पर नहीं। समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलना आज भी ग्रामीण इलाकों में सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।
स्वास्थ्य अधिकारी बोले- तीन एंबुलेंस भेजी गई थीं
इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक गुप्ता ने बयान जारी करते हुए कहा कि दुर्घटना की सूचना मिलते ही तीन एंबुलेंस घटनास्थल के लिए रवाना की गई थीं। उनके अनुसार, गोपेश्वर से भेजी गई एंबुलेंस में महिला को लाया जा रहा था, लेकिन तकनीकी खराबी आने पर पीछे से भेजी गई दूसरी एंबुलेंस में उसे जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। अधिकारी ने यह भी कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।
