सुचित्रा सेन क्यों नहीं करती थीं राज कपूर को पसंद? जानिए उस दौर की अनसुनी कहानी



सुचित्रा ने बंगाली फिल्मों से करियर की शुरुआत की और 1952 में 'शेष कोथाए' नाम की फिल्म में काम किया, लेकिन फिल्म पर्दे पर रिलीज नहीं हुई। जिसके बाद उन्हें 'सात नंबर कैदी' में देखा गया और फिर एक्ट्रेस ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हिंदी सिनेमा में सुचित्रा ने फिल्म 'देवदास' से एंट्री की और फिल्म हिट साबित हुई। एक्ट्रेस हिंदी और बंगाली दोनों सिनेमा में लगातार काम करती रहीं, लेकिन वो इतनी ज्यादा बिजी रहने लगीं कि उनके पति ने ही उन्हें छोड़ दिया। शूटिंग को ज्यादा समय दे पाने की वजह से उनके पति शराब के नशे में रहने लगे और उन्हें छोड़कर विदेश में बस गए।
पति के जाने के बाद सुचित्रा की जिंदगी बदल गई, लेकिन बेटी के लिए कमाना भी जरूरी था, और उन्होंने लगातार फिल्मों में काम जारी रखा। एक समय ऐसा आया कि एक्ट्रेस किसी बड़े हीरो से ज्यादा फीस लेने लगी। उन्होंने बड़े-बड़े हीरो और फिल्म निर्देशकों की फिल्मों को ठुकराना शुरू कर दिया। सुचित्रा के बारे में कहा जाता है कि वो फिल्मों के सेलेक्शन के मामले में बहुत सतर्क रहती थी और इसी वजह से उन्होंने कई बड़ी फिल्में ठुकरा दी। सुचित्रा को लेकर एक किस्सा बहुत चर्चित था, जिसमें उन्हें राज कपूर साहब इसलिए पसंद नहीं थे क्योंकि उनके गुलदस्ता देने का तरीका उन्हें ठीक नहीं लगता था। वे राज कपूर को एक इंसान के तौर पर पसंद नहीं करती थीं और इसलिए कभी उनके साथ फिल्म नहीं की।
सुचित्रा का आखिरी समय काफी बुरा गुजरा था क्योंकि एक फिल्म 'प्रनोय पाशा' के फ्लॉप होने के बाद उन्हें गहरा सदमा लगा और उन्होंने फिल्मों से मुंह मोड़ लिया। कहा जाता है कि उन्होंने किसी के सामने अपना चेहरा दिखाने से भी परहेज किया और 35 साल तक खुद को एक कमरे में कैद रखा। जब भी उन्हें बाहर जाना होता था, तो वो पूरा चेहरा ढक कर जाती थी और मरने के वक्त भी उनका चेहरा किसी ने नहीं देखा था।