सोनिया गांधी पर 45 साल पुराना विवाद फिर गरमाया: वोट चोरी के आरोप में कोर्ट में दाखिल हुई याचिका
Sonia Gandhi FIR: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ एक बार फिर कानूनी विवाद खड़ा हो गया है। दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट में एक शख्स ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग करते हुए नई अर्जी दाखिल की है। यह मामला करीब 45 वर्ष पुराने मतदाता सूची विवाद से जुड़ा हुआ है, जिसमें अब याचिकाकर्ता ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसने सोनिया गांधी के खिलाफ FIR दर्ज करने से साफ इनकार कर दिया था।
नागरिकता लेने से पहले नाम जुड़ने का आरोप
कोर्ट में रखा गया पूरा घटनाक्रम
अर्जी में मौजूद विवरणों के मुताबिक, सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में दर्ज किया गया था, लेकिन 1982 में सूची से हटा दिया गया। इसके बाद वर्ष 1983 में पुनः मतदाता सूची में उनका नाम जोड़ा गया, जब वह आधिकारिक तौर पर भारतीय नागरिक बन चुकी थीं। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह घटनाक्रम इस पूरे विवाद को और भी गंभीर बनाता है।
जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप
विकास त्रिपाठी के वकीलों ने अदालत में तर्क दिया कि 1980 में सोनिया गांधी का मतदाता सूची में नाम होना इस बात का संकेत है कि तब किसी प्रकार के जाली दस्तावेज जमा किए गए होंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला संज्ञेय अपराध के दायरे में आता है और इसीलिए FIR दर्ज कराने की मांग उचित है। उनका कहना है कि वोटिंग अधिकारों से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है।
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले खारिज की थी याचिका
इससे पहले ACMM वैभव चौरसिया ने सितंबर में यह याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा था कि इस तरह की जांच अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है, क्योंकि इससे संवैधानिक अधिकारियों के दायरे में हस्तक्षेप हो सकता है। अदालत ने यह भी कहा था कि ऐसी जांच संविधान के आर्टिकल 329 का उल्लंघन माना जाएगा, जिसमें चुनावी प्रक्रिया से जुड़े विवादों के लिए विशेष विधि का प्रावधान है।
9 दिसंबर को विचार होगी अर्जी
यह ताज़ा क्रिमिनल रिवीजन अर्जी राउज़ एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज (PC Act) विशाल गोगने के सामने पेश हुई। जज ने मामले को 9 दिसंबर को विचार के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कोर्ट मजिस्ट्रेट के फैसले को बरकरार रखेगा या FIR दर्ज करने के लिए नया निर्देश देगा।
