तनाव और हार्मोन असंतुलन से मासिक धर्म चक्र पर असर, योग और सही खानपान से पाएं राहत



आज के समय में तनाव-असंतुलित जीवनशैली आम समस्याओं में से हैं, जो महिलाओं के मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करती हैं। मासिक चक्र आमतौर पर 28 दिन का होता है, लेकिन कई महिलाओं में ये 30 से 35 दिन का भी होता है, लेकिन तय समय से पहले मासिक चक्र का आना या देर से आना, दोनों की गड़बड़ी का अंदेशा देते हैं। कई बार कुछ दवाओं के असर से भी मासिक धर्म देरी से या जल्दी आ जाते हैं, लेकिन हार्मोन के असंतुलन की वजह से मासिक धर्म के समय, दिन और फ्लो भी प्रभावित होते हैं।
ज्यादा समय तक तनाव लेने की वजह से मासिक धर्म के दिनों की संख्या में भी कमी आती है, जो बिल्कुल ठीक नहीं है। मासिक चक्र में परेशानी की स्थिति में योग एक पारंपरिक, सुरक्षित और प्रभावशाली तकनीक है, जो शरीर और मन दोनों में संतुलन स्थापित करने में मदद करती है। इसके लिए नियमित योग करना, पैदल चलना, और हल्की-हल्की एक्सरसाइज करना शामिल कर सकते हैं।
पैल्विक एरिया की मजबूती और मासिक चक्र को नियमित करने के लिए अधोमुख श्वानासन, कैट-का आसन, बालासन, सेतु बंध सर्वांगासन, और तितली आसन कर सकते हैं। तनाव को कम करने के लिए प्राणायाम का सहारा लिया जा सकता है और मन की शांति के लिए ऐसी जगह पर प्राणायाम किया जाना चाहिए, जहां हरियाली हो और प्रकृति से संबंध महसूस किया जा सके। इसके अलावा सेल्फ केयर के जरिए भी तनाव को कम किया जा सकता है; इसके लिए खुद को पेंपर करें और खुद की केयर भी करें, इससे मानसिक तनाव कम होगा। इसके साथ ही नींद पूरी लें। नींद की कमी से तनाव होने लगता है। अच्छे आहार लेकर भी इसे संतुलित किया जा सकता है। भोजन में आयरन और प्रोटीन बहुतायत मात्रा में लें, इससे शरीर में खून की कमी नहीं होगी और मासिक धर्म का फ्लो सही रहेगा।