मुजफ्फरनगर में 'स्वस्थ नारी सशक्त परिवार' अभियान के तहत छात्राएं बनीं एक दिन की सीएमओ और सीएमएस

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्रा राधिका को एक दिन के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील तेवतिया ने राधिका का स्वागत किया और उन्हें अपनी कुर्सी पर बिठाकर सीएमओ के दायित्वों से अवगत कराया। राधिका ने कार्यालय में आने वाले फरियादियों की समस्याएं सुनीं और उनका निस्तारण कराया। जिला अस्पताल सीएमएस: डीएवी इंटर कॉलेज की कक्षा 11 की मेधावी छात्रा सारा खान को जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) की जिम्मेदारी सौंपी गई। सारा ने फरियादियों की समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। महिला जिला चिकित्सालय सीएमएस: आर्य कन्या इंटर कॉलेज की छात्रा स्वाति को एक दिन के लिए महिला जिला चिकित्सालय की सीएमएस बनाया गया। स्वाति ने न केवल कार्यालय के कार्यों को संभाला, बल्कि अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। उन्होंने महिला स्टाफ को आई-कार्ड पहनकर काम करने की हिदायत दी और अस्पताल के कार्य करने के तौर-तरीकों को समझा।
‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’ अभियान के तहत यह पहल महिलाओं और युवतियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई। इस कार्यक्रम का मकसद छात्राओं को नेतृत्व और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का अनुभव कराना था, ताकि वे भविष्य में आत्मविश्वास के साथ समाज में अपनी भूमिका निभा सकें।
जिला अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के आयोजन न केवल छात्राओं में आत्मविश्वास जगाते हैं, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करने में भी मदद करते हैं। छात्राओं ने इस अनुभव को अपने लिए प्रेरणादायक बताया और कहा कि इससे उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशासनिक कार्यों की गहरी समझ मिली।
इस पहल की सराहना करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील तेवतिया ने कहा, “यह अभियान नारी शक्ति को बढ़ावा देने का एक शानदार प्रयास है। छात्राओं को इस तरह की जिम्मेदारियां देकर हम उन्हें न केवल नेतृत्व के लिए तैयार कर रहे हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।”