उज्ज्वल राणा आत्मदाह कांड: परिवार 8 दिसंबर से डीएवी कॉलेज बुढ़ाना में बेमियादी धरना-प्रदर्शन करेंगे
मुजफ्फरनगर। बीए छात्र उज्ज्वल राणा के आत्मदाह कांड के बाद न्याय की मांग को लेकर परिवार और छात्रों का रोष लगातार बढ़ रहा है। परिवार का आरोप है कि पंचायत में तय किए गए आश्वासनों में से कोई भी पूरी तरह लागू नहीं हुआ। न तो प्रमुख आरोपियों की गिरफ्तारी पूरी हुई, न ही सरकार द्वारा आर्थिक सहायता या नौकरी संबंधी कोई प्रक्रिया आगे बढ़ी।
प्रेस वार्ता में परिवार ने बताया कि उज्ज्वल की मौत के बाद डीएवी कॉलेज बुढ़ाना में हुई पंचायत में 10 प्रमुख मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन कोई मांग पूरी नहीं हुई। परिवार का आरोप है कि मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी अधूरी है और कई नामजद आरोपी अभी भी खुलेआम हैं। साथ ही, उज्ज्वल की प्रतिमा लगाने की घोषणा भी अभी तक पूरी नहीं हुई।
छात्र नेता वीशू मलिक ने कहा कि छात्रों में रोष बढ़ रहा है और मांगें पूरी न होने पर बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। प्रेस वार्ता में मनीष कालखंडे, मोनू मलिक, विजित तालियान, अंकुर राठी, सार्थक लाटियान, शुभम मलिक, विशाल सिंह, रवि राठी, पुनीत पंवार, आदित्य पंवार आदि मौजूद रहे।
मामले की पृष्ठभूमि के अनुसार, डीएवी डिग्री कॉलेज बुढ़ाना में उज्ज्वल राणा की फीस जमा न होने पर प्राचार्य और अन्य शिक्षकों से विवाद हुआ। 7 नवंबर को उत्पीड़न और मारपीट के आरोप लगे, जिससे उज्ज्वल आहत हो गए। 8 नवंबर को उन्होंने कॉलेज परिसर में आत्मदाह किया और 9 नवंबर को उनका निधन हो गया।
10 नवंबर को डीएवी कॉलेज के सामने छह घंटे की पंचायत के बाद दस मांगों पर सहमति बनी। अभी तक प्राचार्य प्रदीप कुमार और पीटीआई संजीव कुमार की गिरफ्तारी हुई है, जबकि मुख्य आरोपी कॉलेज प्रबंधक अरविंद कुमार गर्ग और अन्य की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। एसएसपी ने लापरवाही बरतने वाले कुछ पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया।
परिवार की 10 मांगों में मुख्य रूप से सभी आरोपियों की गिरफ्तारी, प्रबंध समिति निरस्त कर नई कमेटी का गठन, कॉलेज भूमि की जांच, उज्ज्वल की प्रतिमा स्थापना, सरकारी नौकरी, 15 लाख मुआवजा, और उज्ज्वल के नाम पर कॉलेज के गेट, लाइब्रेरी और हॉल का नामकरण शामिल है।
