शामली। एनजीटी के आदेश पर शासन प्रशासन की ओर से लगाई गई पाबंदी के बावजूद जिले में जमकर पटाखे जलाए जाने से पूरे शहर में वायु प्रदूषण बढ़ गया। बुधवार को दिनभर आसमान में वायु प्रदूषण छाया रहा और जहरीली हवा चलने से लोगों को सांस लेने में दिक्कते हुई। प्रदूषित वायु के कारण दमा के मरीजों को सबसे अधिक परेशानियां हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ कर 170 पर पहुंच गया, जो खराब स्थिति में है।
एनसीआर में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने दीवाली पर पटाखों पर रोक लगा दी थी। एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए शासन और प्रशासन ने भी पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक लगाई है। मगर, लोगों की जोश के आगे यह पाबंदी सफल नहीं हो सकी। इस साल दीपावली दो दिन मनाने से पटाखे भी ज्यादा छोडे गए। पहले छोटी दीपावली रात्रि को ही पटाखे जलाए जाने से इस बात का संकेत मिल गया था कि बड़ी दिवाली पर पटाखे जलाए जाएंगे। सोमवार और मंगलवार बडी दीपावली को दो दिनों तक दीपावली का पूजन करने के बाद नागरिकों ने जमकर आतिशबाजी की। रात्रि 8 बजे से लेकर तडके तक शहर में पटाखे जलाए गए। देहात और ग्रामीण क्षेत्रों में भी आतिशबाजी हुई।
आतिशबाजी होने से पटाखों के धुएं से वायु प्रदूषण भी बढ़ गया है, जिससे हवा और अधिक जहरीली हो गई है। दीपावली से कुछ दिन पहले जो वायु गुणवत्ता सूचकांक 127 पर था, वो पटाखे जलाए जाने के बाद बुधवार का 170 पर पहुंच गया, जो खराब स्थिति में है। बुधवार को दिनभर आसमान में वायु प्रदूषण छाया रहा। तेज धूप निकलने के बावजूद धूंये की चादर छाई हुई थी। जहरीली हवा होने से लोगों को सांस लेने में दिक्कते हुई। गले में खरास महसूस हुई। सबसे अधिक परेशान दमा के मरीजों को हुई। जिनको चिकित्सकों की सलाह लेनी पडी। चिकित्सकों ने बढते वायु प्रदूषण को देखते हुए बाजार में मास्क लगाकर निकलने की सलाह दी है।