शामली चीनी मिल में स्वतः पर्ची मोड बढ़ाने पर किसानों का विरोध, ज्ञापन सौंपा
शामली। शामली चीनी मिल में स्वतः पर्ची मोड बढ़ाए जाने को लेकर किसानों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस संबंध में भाकियू पदाधिकारियों ने जिला गन्ना अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मिल की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्वतः पर्ची मोड बढ़ाने में छूट दिए जाने की मांग की गई है।
ज्ञापन में बताया गया है कि बीते दो-तीन दशकों से शामली चीनी मिल में मिल, विभाग और किसानों की सहमति से निर्धारित पर्ची मोड के अनुसार गन्ना आपूर्ति की जा रही है, जिससे किसानों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होती थी। वर्तमान में स्वतः पर्ची मोड बढ़ाए जाने से किसानों के सामने गंभीर दिक्कतें उत्पन्न हो गई हैं। किसानों का कहना है कि शामली चीनी मिल की आपूर्ति व्यवस्था अन्य मिलों से अलग है। मिल में आने वाला समस्त गन्ना शामली कस्बे के बीच से होकर गुजरता है। केन यार्ड में जगह कम होने के कारण गन्ना ट्रालियों व बुग्गियों में सीधी भराई कर लाया जाता है।
यदि गन्ना आड़ी भराई में लाया गया तो शहर की यातायात व्यवस्था प्रभावित होगी और आम जनता व व्यापारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही किसानों ने यह भी बताया कि केन यार्ड में सीमित स्थान होने के कारण गन्ना उतारकर पुनः लाने की व्यवस्था संभव नहीं है। इससे तौल प्रक्रिया बाधित होगी, पेराई प्रभावित होगी और चीनी मिल को नुकसान पहुंच सकता है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि शामली चीनी मिल की विशेष परिस्थितियों को नजरअंदाज करते हुए स्वतः पर्ची मोड बढ़ाया गया तो किसान उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे और मिल बंद होने की स्थिति भी बन सकती है। इस अवसर पर युवा मंडल महासचिव मोहित शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष कपिल खाटियान, जितेन्द्र, अमरपाल सिंह आदि मौजूद रहे।
