शामलीः श्री रामस्वरूप विश्वविद्यालय में पुलिस लाठीचार्ज व बाहरी हमले के खिलाफ एबीवीपी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा

शामली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पदाधिकारियों ने गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में श्री रामस्वरूप विश्वविद्यालय में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों व परिषद कार्यकर्ताओं पर बाहरी गुंडों के हमले और पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई।
आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में मानक विहीन और नवीनीकरण के बिना विधि पाठ्यक्रम संचालित हो रहा है, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। परिषद ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया की सशर्त अनुमति इस बात का प्रमाण है कि पाठ्यक्रम अवैध रूप से चलाया जा रहा था। परिषद ने मांग की कि लाठीचार्ज किसके आदेश पर हुआ इसकी जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों व बाहरी तत्वों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि विलम्ब शुल्क और सामाजिक कल्याण शुल्क के नाम पर विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा अवैध रूप से बड़ी धनराशि की उगाही की जा रही है, जिसकी सघन जांच कर रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए।
दो छात्रों को बिना चेतावनी निष्कासित करने की कार्रवाई को भी अवैधानिक बताते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा परिषद के सचिव की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर विश्वविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय ने लगभग 6 बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा था।
तहसीलदार न्यायालय ने हाल ही में प्रबंधन पर 27.96 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए 15 दिन में अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया है। परिषद ने शासन से अपेक्षा की है कि 48 घंटे के भीतर दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, अन्यथा प्रदेश स्तर पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस अवसर पर विष्णु दत्त शर्मा, वैभव ऐरन आदि मौजूद रहे।