भारत 2047 तक बनेगा खेल महाशक्ति: खेल मंत्री मांडविया ने पेश की 25 वर्षीय भव्य योजना

India Sports: देश में खेल संस्कृति को नया आयाम देने और उसे जन-आंदोलन में बदलने के लक्ष्य के साथ खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को घोषणा की कि भारत को 2047 तक न सिर्फ विकसित राष्ट्र बनाना है बल्कि दुनिया की शीर्ष पांच खेल महाशक्तियों में शामिल करना भी प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार ने 10 वर्षीय और 25 वर्षीय योजनाएं तैयार की हैं जिन पर जल्द ही अमल शुरू होगा।
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स्पोर्ट्स समिट 2025 में खेलमंत्री का बड़ा ऐलान
‘स्पोर्ट्सस्टार प्लेकॉम: बिजनेस ऑफ स्पोर्ट्स समिट 2025’ को संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा कि भारत को खेलों की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए ऐसी कार्य संस्कृति बनानी होगी जिसमें प्रतिभा को तलाशने और तराशने का सुनियोजित प्रयास हो। साथ ही, उन्होंने कहा कि दुनिया भर की टीमें भारत में लीग खेलने आएं और देश के पूर्व खिलाड़ियों की क्षमताओं का उपयोग भी सुनियोजित ढंग से हो।
खेल इकोसिस्टम और सरकारी पहल
खेलमंत्री ने बताया कि मोदी सरकार ने खेलों को जीवनशैली का हिस्सा बनाने और खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- फिट इंडिया मूवमेंट और खेलो इंडिया अभियान ने देश में खेलों को लेकर नई चेतना जगाई।
- टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (TOPS) के तहत खिलाड़ियों को आधुनिक कोचिंग और अंतरराष्ट्रीय अनुभव मिला।
- इसके बाद एक समग्र खेल नीति लागू की गई, जिसने विजन दस्तावेज के रूप में काम किया।
खेल प्रशासन में सुधार और नया विधेयक
मांडविया ने कहा कि सरकार ने खिलाड़ियों को केंद्र में रखकर खेल प्रशासन विधेयक पेश किया। इसका उद्देश्य था कि खेल महासंघ अदालतों में उलझने की बजाय खिलाड़ियों के हितों पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने बताया कि पहले 350 से ज्यादा विवाद अदालतों में लंबित थे, लेकिन अब इनके निपटान के लिए त्वरित व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, महिलाओं के प्रतिनिधित्व और खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर भी विशेष प्रावधान शामिल किए गए हैं।
ग्रामीण और दूरदराज़ की प्रतिभाओं पर जोर
खेलमंत्री ने कहा कि भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे देश में खेलों का विकास तभी संभव है जब गांव-गांव और दूरदराज़ इलाकों की प्रतिभाओं को मौका मिले। सरकार का लक्ष्य है कि हर स्तर पर प्रतिभाओं को मंच मिले और देश का खेल इकोसिस्टम मजबूत हो।
खेलों को जन-आंदोलन बनाने का आह्वान
मांडविया ने कहा कि भारत में खेलों को केवल प्रतियोगिता तक सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि उन्हें जन-आंदोलन का रूप देना होगा। उन्होंने कहा, “यह एक सामूहिक मिशन है। हर नागरिक को खेलों से जुड़ना होगा और देश की प्रगति में योगदान देना होगा।”