आगरा के पैंतीस साल पुराने जातीय संघर्ष के दोषियों की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर

प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आगरा में 35 साल पुराने जातीय संघर्ष मामले में दोषी ठहराए गए 32 आरोपितों की जमानत स्वीकार कर ली है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकलपीठ ने यह आदेश दिया।
जमानत की मांग करते हुए कहा गया कि अधिकांश अपीलकर्ता 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं और बीमारियों से पीड़ित हैं। अभियोजन भी आरोप को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। यह भी उल्लेख किया गया कि मुकदमे की प्रक्रिया के दौरान आरोपी जमानत पर थे और उन्होंने कभी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया। वे 28 मई 2025 से जेल में बंद हैं और भविष्य में अपील की शीघ्र सुनवाई की संभावना नहीं है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अपीलार्थी संख्या 21 देवी सिंह को चार अगस्त 2025 को अल्पकालिक जमानत दी जा चुकी है। 95 वर्षीय देवी सिंह फिलहाल आगरा जेल अस्पताल में भर्ती हैं। कोर्ट ने माना कि अपील के अंतिम निपटारे में समय लग सकता है, इसलिए गुण-दोष पर कोई टिप्पणी किए बिना अपीलकर्ताओं को जमानत पर रिहा किया जाता है।
लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !