70 हजार में से सिर्फ 146 गन्ना किसान उठा रहे आधुनिक मशीनरी का लाभ; जागरूकता की कमी से ठप पड़ रहा खेती में तकनीकी बदलाव
Bijnor News: गन्ना समिति की ओर से संचालित फार्मिंग मशीनरी बैंक किसानों के बीच लोकप्रिय नहीं हो पा रहा है। समिति से जुड़े लगभग 70 हजार गन्ना किसानों में से अब तक केवल 146 किसान ही इस सुविधा का लाभ उठा पाए हैं। पिछले वर्ष भी यही स्थिति देखने को मिली थी, जिससे यह साफ होता है कि जागरूकता की कमी अब भी एक बड़ी बाधा है।
गहरी जुताई को बताया गया अधिक लाभदायक
कृषि के तरीके बदलने पर जोर
गन्ना समिति के सभापति रामवीर सिंह उर्फ मोहन ने कहा कि किसानों को नई तकनीक और आधुनिक मशीनरी के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनका मानना है कि खेती के पारंपरिक तरीकों में बदलाव लाने से कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार हो सकते हैं और किसानों की आय में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
मशीनरी बैंक में उपलब्ध 20 आधुनिक उपकरण
समिति के विशेष सचिव विनोद कुमार ने बताया कि मशीनरी बैंक में लगभग 20 प्रकार के कृषि उपकरण उपलब्ध हैं, जिनमें ट्रैक्टर, एमवी प्लाऊ, मिट्टी पलट हल, रोटावेटर, हैरो, मल्चर, सबसोल्जर और रिंग पिट जैसे यंत्र शामिल हैं। इन्हें किसानों को सस्ते किराये पर उपलब्ध कराया जा रहा है। ट्रैक्टर से जुताई का किराया प्रति घंटा 750 रुपये है, फिर भी किसान इन सेवाओं का कम उपयोग कर रहे हैं।
सिर्फ 9.28% लक्ष्य ही पूरा हो पाया
समिति के 511 गांवों में कुल 40,649 हेक्टेयर कृषि भूमि है, जबकि इस वर्ष केवल 146 किसानों ने 189 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ही जुताई व मशीनरी का उपयोग किया। यह कुल लक्ष्य का मात्र 9.28 प्रतिशत है, जो दर्शाता है कि किसानों को आधुनिक खेती की ओर आकर्षित करने के प्रयासों को और मजबूत करने की जरूरत है।धामपुर। गन्ना समिति की ओर से संचालित फार्मिंग मशीनरी बैंक किसानों के बीच लोकप्रिय नहीं हो पा रहा है। समिति से जुड़े लगभग 70 हजार गन्ना किसानों में से अब तक केवल 146 किसान ही इस सुविधा का लाभ उठा पाए हैं। पिछले वर्ष भी यही स्थिति देखने को मिली थी, जिससे यह साफ होता है कि जागरूकता की कमी अब भी एक बड़ी बाधा है।
गहरी जुताई को बताया गया अधिक लाभदायक
मशीनरी बैंक के इंचार्ज दिग्विजय सिंह चौहान का कहना है कि किसानों में आजकल रोटावेटर से जुताई करने की प्रवृत्ति बढ़ गई है, जो खेती के लिए लाभदायक नहीं है। उन्होंने कहा कि गहरी जुताई के बाद बुवाई करने से कम लागत में अधिक पैदावार होती है और मिट्टी की गुणवत्ता भी बेहतर बनती है। लगातार जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद किसान नई तकनीक अपनाने में पीछे रह रहे हैं।
कृषि के तरीके बदलने पर जोर
गन्ना समिति के सभापति रामवीर सिंह उर्फ मोहन ने कहा कि किसानों को नई तकनीक और आधुनिक मशीनरी के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनका मानना है कि खेती के पारंपरिक तरीकों में बदलाव लाने से कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार हो सकते हैं और किसानों की आय में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
मशीनरी बैंक में उपलब्ध 20 आधुनिक उपकरण
समिति के विशेष सचिव विनोद कुमार ने बताया कि मशीनरी बैंक में लगभग 20 प्रकार के कृषि उपकरण उपलब्ध हैं, जिनमें ट्रैक्टर, एमवी प्लाऊ, मिट्टी पलट हल, रोटावेटर, हैरो, मल्चर, सबसोल्जर और रिंग पिट जैसे यंत्र शामिल हैं। इन्हें किसानों को सस्ते किराये पर उपलब्ध कराया जा रहा है। ट्रैक्टर से जुताई का किराया प्रति घंटा 750 रुपये है, फिर भी किसान इन सेवाओं का कम उपयोग कर रहे हैं।
सिर्फ 9.28% लक्ष्य ही पूरा हो पाया
समिति के 511 गांवों में कुल 40,649 हेक्टेयर कृषि भूमि है, जबकि इस वर्ष केवल 146 किसानों ने 189 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ही जुताई व मशीनरी का उपयोग किया। यह कुल लक्ष्य का मात्र 9.28 प्रतिशत है, जो दर्शाता है कि किसानों को आधुनिक खेती की ओर आकर्षित करने के प्रयासों को और मजबूत करने की जरूरत है।
