'आई लव मुहम्मद' बनाम 'आई लव महाकाल' विवाद की आवश्यकता नहीं- स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ। 'आई लव मुहम्मद' बनाम 'आई लव महाकाल' विवाद को लेकर 'अपनी जनता पार्टी' के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे अनावश्यक विवाद बताया और कहा कि इसे फालतू का मुद्दा बनाया जा रहा है। अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "'आई लव महादेव' के पोस्टर लगाकर लोगों ने इस बात को स्वीकार किया कि 'आई लव मुहम्मद' का जो नारा था वह बिल्कुल सही था।
उसी राह पर साधु संतों ने भी चलने का निर्णय लिया। इसलिए साधु संतों के द्वारा लगाए गए पोस्टर ने उसे प्रमाणित किया। इसलिए अब आई लव मुहम्मद पर बहस की कोई आवश्यकता नहीं है।" उन्होंने कहा कि हम लोग एक है, सबको साथ मिलकर रहना चाहिए। एक-दूसरे की देखा-देखी प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए। लेह में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "आज लेह के लोग किसी न किसी तरह से उपेक्षित महसूस कर रहे होंगे।
उन्हें शायद वे सुविधाएं नहीं मिल रही होंगी जो उन्हें मिलनी चाहिए या वे सरकार के मनमाने फैसलों का शिकार हो रहे होंगे। उनके साथ सौतेला व्यवहार हुआ है, इसकी वजह से आज लेह में ये घटना हो रही है।" उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले पर जल्द से जल्द कुछ फैसला करना चाहिए, जिससे वहां की समस्याओं को दूर किया जा सके। उत्तर प्रदेश में लागू हुए जातिगत फैसले पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि शासनादेश जारी करने से जातिवाद का भेदभाव खत्म नहीं होने वाला है।
जातिवाद और भेदभाव करना देश के लिए कैंसर जैसी बीमारी है, इसको पूरी तरह से खत्म करना चाहिए। जिन धर्म ग्रंथों और साहित्य से जातिवाद और भेदभाव निकला है, वहीं से इसे खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश का विकास तभी होगा जब सब लोग एक साथ आकर रहेंगे। आज के समय में सभी को बढ़ाना चाहिए। बेटे और बेटियों में भी भेदभाव खत्म होना चाहिए।