लखनऊ में रोजगार मेले में युवाओं का फूटा गुस्सा, लगे ‘बेरोजगारी हाय-हाय’ के नारे, कूड़े में बायोडाटा बिखरे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य सरकार द्वारा आयोजित रोजगार मेले में अव्यवस्था के चलते हंगामा हो गया। भारी भीड़ और खराब प्रबंधन के कारण नौकरी की आस में पहुंचे हजारों युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज युवाओं ने सरकार के खिलाफ “बेरोजगारी हाय-हाय” के नारे लगाए। […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य सरकार द्वारा आयोजित रोजगार मेले में अव्यवस्था के चलते हंगामा हो गया। भारी भीड़ और खराब प्रबंधन के कारण नौकरी की आस में पहुंचे हजारों युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज युवाओं ने सरकार के खिलाफ “बेरोजगारी हाय-हाय” के नारे लगाए।
मेले के दौरान हजारों की संख्या में युवा पहुंचे थे लेकिन मौके पर व्यवस्था बेहद कमजोर दिखी। कई युवाओं को घंटों इंतजार के बावजूद इंटरव्यू तक का मौका नहीं मिल सका। इस बीच बायोडाटा से भरे कई फॉर्म और दस्तावेज कूड़े में फेंके हुए मिले, जिसे देखकर युवाओं का आक्रोश और भी बढ़ गया।
मुजफ्फरनगरः पीएम आवास योजना में घटिया निर्माण पर मंत्री ने जताई नाराजगी, ठेकेदार पर कार्रवाई के आदेश
रोजगार मेले में फैली अव्यवस्था पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा सरकार के खिलाफ बेरोजगार युवाओं द्वारा ‘हाय-हाय’ के नारे लगाना चिंता का विषय है। कूड़े में बिखरे बायोडाटा सरकार की सच्चाई को उजागर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के एजेंडे में नौकरी है ही नहीं, भाजपा जाए तो नौकरी आए।
इसी मेले में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में दावा किया कि तीन दिन में पचास हजार नौकरियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में काम करने वाले युवाओं को न्यूनतम वेतन की गारंटी दी जाएगी और नियुक्ति देने वाली कंपनियों के जो अतिरिक्त शुल्क होते हैं, उन्हें राज्य सरकार वहन करेगी।
‘सबसे पहले अंतरिक्ष यात्री हनुमान जी…’ अनुराग ठाकुर के बयान पर बवाल, विपक्ष ने उठाये सवाल !
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि रोजगार महाकुंभ के जरिए न केवल नौकरी दी जाएगी बल्कि युवाओं को नई तकनीकों के अनुरूप प्रशिक्षित भी किया जाएगा। उनका कहना था कि सबसे अधिक युवा आबादी उत्तर प्रदेश की ताकत है और इसे सही दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है।
युवाओं की मानें तो हकीकत इससे बिल्कुल उलट नजर आई। मौके पर मौजूद एक छात्रा ने बताया कि वह सुबह से लाइन में खड़ी थी लेकिन न कोई गाइडेंस मिला और न ही इंटरव्यू का मौका। कई युवाओं ने कहा कि यह मेला महज एक दिखावा है, जिसमें चयन प्रक्रिया को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं है।
छांगुर बाबा की ₹13 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच, दुबई से मिली फंडिंग से बलरामपुर में खरीदी थी
बायोडाटा के साथ कूड़े में पड़े सर्टिफिकेट इस बात की तस्दीक कर रहे थे कि सरकार की ओर से दावा कुछ और किया गया लेकिन जमीन पर तस्वीर पूरी तरह से उलटी है। हजारों युवाओं की मौजूदगी के बावजूद न तो पर्याप्त स्टॉल थे और न ही बैठने या पानी की व्यवस्था।
रोजगार मेले में जो अव्यवस्था दिखी, उसने न केवल सरकार के दावों पर सवाल खड़े किए बल्कि युवाओं के भविष्य को लेकर उनकी चिंता को भी और गहरा कर दिया है।
लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !