लखनऊ में इंस्पेक्टर पर अवैध महफिलों के आरोप, अखिलेश दुबे के सहयोगी डिप्टी एसपी की 100 करोड़ की संपत्ति उजागर

लखनऊ। तैनात एक वरिष्ठ इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें रात में निजी स्टेडियमों में अवैध महफिलें सजाने, रेस्तरां को शराब परोसने की अनौपचारिक अनुमति देने, और अवैध कब्जा हटाने वाली टीमों को बीच में छोड़कर भागने जैसे कृत्य शामिल हैं। साथ ही, अखिलेश दुबे के सहयोगी एक डिप्टी एसपी की 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है, जिसमें कई प्लॉट, आवास, और फार्म हाउस शामिल हैं। पुलिस कमिश्नर के संरक्षण पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इंस्पेक्टर पर आरोप
सूत्रों के अनुसार, #शोविंडोसिटी में तैनात एक इंस्पेक्टर पर आरोप है कि वह रेस्तरां मालिकों को “अंडर द टेबल” शराब परोसने की अनुमति देता है। क्षेत्र के निजी स्टेडियमों में आधी रात तक महफिलें सजती हैं, जहां खाना, हुक्का, और शराब आसानी से उपलब्ध होती है। ये आयोजन धनाढ्य लोगों के लिए होते हैं, जिन पर इंस्पेक्टर विशेष मेहरबानी दिखाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह इंस्पेक्टर जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, और ऑडी जैसे वाहनों वालों को प्राथमिकता देता है।
जिला प्रशासन के अधिकारी भी इस इंस्पेक्टर की कार्यशैली से परेशान हैं। कई बार अवैध कब्जा हटाने वाली टीमों को यह इंस्पेक्टर बीच में छोड़कर चला जाता है। सूत्रों का दावा है कि पुलिस कमिश्नर का संरक्षण होने के कारण इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि क्या पुलिस कमिश्नर (सीपी), संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी), और उपायुक्त पुलिस (डीसीपी) को इन गतिविधियों की जानकारी नहीं है। कुछ वीडियो साक्ष्य भी होने की बात कही गई है, लेकिन नाबालिगों की पहचान उजागर होने के डर से इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया।
अखिलेश दुबे के सहयोगी डिप्टी एसपी की संपत्ति
कानपुर कमिश्नरी पुलिस ने अखिलेश दुबे के तीन सहयोगी डिप्टी एसपी की संपत्ति का आकलन किया है। जांच में एक डिप्टी एसपी की संपत्ति लगभग 100 करोड़ रुपये की पाई गई, जिसमें कानपुर और अन्य जिलों में कई प्लॉट, आवास, और फार्म हाउस शामिल हैं। इन अधिकारियों को नोटिस भेजकर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है, और संपत्ति की डिटेल रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।
अखिलेश दुबे के साथ संबंध रखने वाले कई पुलिस अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, नेताओं, अधिवक्ताओं, पत्रकारों, और सफेदपोशों के नाम सामने आए हैं। इनमें हरदोई के क्षेत्राधिकारी ऋषिकांत शुक्ला, मैनपुरी के क्षेत्राधिकारी संतोष सिंह, लखनऊ कमिश्नरी के एसीपी विकास पांडेय, और कानपुर कमिश्नरी के इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी शामिल हैं।
अवैध कब्जे का मामला
लखनऊ के प्रशिक्षण निदेशालय में तैनात सिपाही राजा पांडेय ने शिकायत की है कि अखिलेश दुबे, निखलेश दुबे, और शालिनी ने उनके बिधनू (कानपुर) स्थित पैतृक मकान, कुओं, मंदिर, और रमईपुर में 13 बीघा कृषि भूमि पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से कार्रवाई की मांग की है।
एसआईटी जांच
एसआईटी ने अखिलेश दुबे से जुड़े अधिकारियों को 29 और 30 अगस्त को बयान के लिए बुलाया था, लेकिन कोई भी जांच के लिए नहीं पहुंचा। इसके बाद 3 सितंबर को दोबारा नोटिस जारी किए गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में एक डिप्टी एसपी की संपत्ति 100 करोड़ रुपये के आसपास पाई गई है।