मायावती ने 'ट्रम्प टैरिफ' से उभरी चुनौतियों पर जताई चिंता, कहा- भाजपा को नीति में सुधार की जरूरत

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 'ट्रम्प टैरिफ' के आतंक से उभरी नई चुनौतियों को लेकर रविवार को चिंता जताई और कहा कि इन चुनौतियों से निपटने को लेकर भारत व सत्ताधारी पार्टी भाजपा को जन व देशहित का ध्यान रखते हुए अपनी नीतियों व कार्यक्रमों में ठोस व भारी सुधारवादी रवैया अपनाने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि ऐसा करना जरूरी है वरना देश के विशाल बहुजनों की समस्याएं और भी जटिल होकर देश के मान-सम्मान को भी दुनिया में प्रभावित करेंगी। इससे बचना बहुत जरूरी है।
रविवार को पार्टी कार्यालय पर बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बैठक कर पार्टी संगठन के गठन व पार्टी के जनाधार को जमीनी स्तर पर बढ़ाने के लिए चलाये गये अभियान की गहन समीक्षा की। इस दौरान पार्टी द्वारा चलाए गए अभियानों को लेकर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। साथ ही यह निर्देश भी दिया की बाकी बचे कार्य पार्टी संस्थापक मान्यवर कांशीराम की 9 अक्टूबर को पुण्यतिथि पर प्रस्तावित पुण्यतिथि पर होने वाले राज्यव्यापी कार्यक्रम के बाद शुरू किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि आगामी 9 अक्तूबर को पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि राजधानी लखनऊ स्थित "मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल" पर ऐतिहासिक रूप से मनाई जाएगी। इस अवसर पर वे स्वयं शामिल होकर कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगी और आगे की राजनीतिक रणनीति पर चर्चा भी करेंगी। लंबे समय बाद स्मारक के जीर्णोद्धार के पश्चात यहां बड़ा आयोजन होने जा रहा है।
इस दौरान मायावती ने आरोप लगाया कि विरोधी दल अंदरखाने मिलकर बसपा को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं। उनका कहना था कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को संवैधानिक अधिकारों से वंचित कर उन्हें शासक वर्ग बनने से रोकने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बसपा सरकारों में सर्वसमाज को समान अवसर और विकास मिला था, जिसे अब रोकने का प्रयास हो रहा है।
उन्होंने यूपी और अन्य राज्यों में धार्मिक स्थलों व संत-गुरुओं का निरादर किए जाने की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह समाज में नफरत फैलाने का षड्यंत्र है। मायावती ने मांग की कि सरकारें संकीर्ण और साम्प्रदायिक राजनीति छोड़कर ऐसे आपराधिक तत्वों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करें, ताकि देश में अमन-चैन कायम रह सके।