मेरठ के स्कूलों में मॉकड्रिल में आपदा बचाव की प्रभावी जानकारी, भूकंप और आग के खतरों पर जागरूकता बढ़ी
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मेरठ। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशन में मेरठ समेत प्रदेश के 34 जनपदों की 157 तहसीलों में एक साथ मॉकड्रिल आयोजित की गई, जिसमें भूकंप, औद्योगिक (रासायनिक) और आग के खतरों से निपटने की तैयारियों का अभ्यास किया गया। मेरठ के कई स्कूलों में भी इस दौरान आपदा से बचाव की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई और विभिन्न परिदृश्यों पर प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय कर वास्तविकता के अनुरूप बचाव कार्यों का अभ्यास कराया गया।
जिलाधिकारी डा0 वीके सिंह ने बताया कि मॉकड्रिल का उद्देश्य आपदा आने पर जल्द से जल्द सुरक्षा, बचाव और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम देना है ताकि आम जनता अधिक जागरूक हो सके। उन्होंने कहा कि इस तरह के अभ्यास से प्रशासन, अस्पताल, स्कूल, औद्योगिक इकाइयां और समुदाय वास्तविक स्थिति में बेहतर तैयारी कर पाते हैं।
मॉकड्रिल के दौरान मेरठ की सदर तहसील में इंडियन ऑयल डिपो परिसर में काल्पनिक भूकंप एवं औद्योगिक दुर्घटना का परिदृश्य बनाया गया। सरधना तहसील के दयावती मोदी एकेडमी में भूकंप के बाद बच्चों को सुरक्षित निकालने का अभ्यास किया गया और मवाना के स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल में अग्निकांड की स्थिति में बचाव अभियान संचालित किया गया।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने कहा कि इस अभ्यास से विभागों के बीच समन्वय और संसाधनों की ताकत को परखा जाता है, जिससे कमजोरियों की पहचान कर उन्हें दूर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मीडिया की सहभागिता से जन-जागरूकता भी बढ़ती है।
मॉक एक्सरसाइज का समन्वय कर्नल संदीप मेहरोत्रा, प्रवीन किशोर और मानवेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में किया गया।